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Rajiv Gandhi Assassination: 'हम हत्यारे नहीं पीड़ित हैं', रिहाई के बाद बोले हत्याकांड के दोषी रविचंद्रन

Rajiv Gandhi Assassination राजीव गांधी की हत्या के दोषी रविचंद्रन ने रिहाई के बाद खुद को निर्दोष और मामले में पीड़ित बताया। उसने कहा कि लोगों को उन्हें आतंकवादियों या हत्यारों के बजाय पीड़ित के रूप में देखना चाहिए।

By Mahen KhannaEdited By: Published: Sun, 13 Nov 2022 11:41 AM (IST)Updated: Sun, 13 Nov 2022 11:41 AM (IST)
Rajiv Gandhi Assassination: 'हम हत्यारे नहीं पीड़ित हैं', रिहाई के बाद बोले हत्याकांड के दोषी रविचंद्रन
रिहाई के बाद छह दोषियों में से एक आरपी रविचंद्रन।

मदुरै, एजेंसी। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के सभी दोषियों को शनिवार को रिहा कर दिया गया। रिहाई के बाद छह दोषियों में से एक आरपी रविचंद्रन ने खुद को निर्दोष और मामले में पीड़ित बताया। उसने कहा कि लोगों को उन्हें आतंकवादियों या हत्यारों के बजाय पीड़ित के रूप में देखना चाहिए।

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आने वाला समय हमें निर्दोष कहेगा

मदुरै सेंट्रल जेल से रिहा होने के बाद समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, रविचंद्रन ने कहा कि उत्तर भारत के लोगों को हमें आतंकवादियों या हत्यारों के बजाय पीड़ित के रूप में देखना चाहिए। समय निर्धारित करता है कि कौन आतंकवादी या स्वतंत्रता सेनानी है लेकिन समय हमारे साथ निर्दोष के रूप में न्याय करेगा।

नलिनी श्रीहरन भी हुई रिहा, बोलीं- गांधी परिवार से नहीं मिलूंगी

इससे पहले, मामले के छह दोषियों में से एक नलिनी श्रीहरन ने रिहाई के बाद 32 साल की सजा के दौरान मदद देने के लिए तमिलनाडु और केंद्र सरकारों का आभार व्यक्त किया और कहा कि वह अब अपने परिवार के साथ रहना चाहती है और गांधी परिवार से नहीं मिलेंगी। देश में सबसे लंबे समय तक आजीवन कारावास की सजा काट चुकी महिला कैदी श्रीहरन को सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद शनिवार को वेल्लोर जेल से रिहा कर दिया गया। मामले में आरपी रविचंद्रन सहित सभी छह दोषियों को मुक्त कर दिया गया था।

साथी दोषी एजी पेरारीवलन की रिहाई के लिए पहुंचे थे सुप्रीम कोर्ट

बता दें कि नलिनी और रविचंद्रन ने जेल में अपने साथी दोषी एजी पेरारीवलन की रिहाई के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। तब 18 मई को सुप्रीम कोर्ट ने एजी पेरारिवलन को रिहा करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल किया था, जो हत्या के मामले में सात दोषियों में से एक थे।

राजीव गांधी की 1991 में हुई थी हत्या

गौरतलब है कि तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक रैली के दौरान पूर्व पीएम राजीव गांधी की 21 मई 1991 को महिला ने आत्मघाती हमले में हत्या कर दी गई थी। उसका संबंध आतंकी लिट्टे से था। इस मामले में सात लोगों को फांसी की सजा दी गई थी जिसमें से एक दोषी नलिनी श्रीहरण की सजा को वर्ष 2000 में फांसी से आजीवन कारावास में बदल दिया गया था। वहीं वर्ष 2014 में अन्य छह लोगों की भी सजा को आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया गया था। 


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