राजगढ़ कलेक्टर को राहत मिलना तय, थप्पड़ मारने की पुष्टि नहीं
कलेक्टर के ड्राइवर ने जहां घटना से साफ इनकार किया है। वहीं एएसआई के ड्राइवर ने सिर्फ इतना कहा साहब ने बताया कि मैडम ने झकझोरा है।
राज्य ब्यूरो, भोपाल। मध्य प्रदेश के बहुचर्चित थप्पड़ कांड में राजगढ़ की कलेक्टर निधि निवेदिता को राहत मिलना तय माना जा रहा है। एएसआई नरेश शर्मा को कलेक्टर द्वारा थप्पड़ मारने की शिकायत की उच्च स्तरीय जांच में पुष्टि नहीं हुई है। भोपाल से भेजे गए जांच अधिकारी प्रमुख सचिव संजय दुबे और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक उपेंद्र जैन की रिपोर्ट में कलेक्टर और एएसआई के साथ मौके पर गए पुलिस वाहन के ड्राइवर ने भी घटना से इनकार किया है। दुबे ने सोमवार को मप्र के गृह विभाग को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। अब इसे अंतिम निर्णय के लिए मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती के माध्यम से मुख्यमंत्री कमलनाथ को भेजा जाएगा।
जांच अधिकारियों ने राजगढ़ जाकर राजस्व और पुलिस के अधिकारियों से बंद कमरे में अलग-अलग बात की थी। इस दौरान कलेक्टर और पुलिस वैन के चालक के भी बयान लिए गए। कलेक्टर के ड्राइवर ने जहां घटना से साफ इनकार किया है। वहीं, एएसआई के ड्राइवर ने सिर्फ इतना कहा, साहब ने बताया कि मैडम ने झकझोरा है। वहीं, मौके पर ड्यूटी कर रहे राजस्व और पुलिस के अधिकारियों व कर्मचारियों ने भी घटना होने को लेकर साफ-साफ कुछ भी नहीं कहा।
जांच अधिकारियों ने यह जरूर महसूस किया है कि इस कथित घटनाक्रम से राजगढ़ में जिला और पुलिस प्रशासन के बीच दूरियां बन गई है, जो प्रशासनिक दृष्टिकोण से ठीक नहीं है। इस आधार पर यह माना जा रहा है कि कलेक्टर पर भले ही फिलहाल कोई कार्रवाई न हो पर कुछ समय बाद उन्हें जिले से हटाकर कहीं और पदस्थ किया जा सकता है। इसी तरह पुलिस अधीक्षक द्वारा कलेक्टर के खिलाफ एसडीओपी से जांच कराने के मामले को भी गंभीरता से लिया गया है। बताया जा रहा है कि रिपोर्ट को मुख्यमंत्री कमलनाथ के सामने रखा जाएगा, वे ही इस मामले में अंतिम निर्णय लेंगे।
भाजपा की रैली के दौरान हुई थी थप्पड़बाजी
मालूम हो कि पिछले माह नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में भाजपा द्वारा राजगढ़ जिले के ब्यावरा में निकाली गई रैली के दौरान कलेक्टर ने एक भाजपा नेता को थप्पड़ मारा था। इसी दौरान कलेक्टर ने एएसआई नरेश शर्मा को भी कथित तौर पर थप्पड़ मारा था। इसकी पुलिस जांच में एएसआई की शिकायत सही पाई गई थी, जबकि जिला प्रशासन की रिपोर्ट में इसे खारिज कर दिया गया था। विरोधाभासी रिपोर्ट मिलने पर सीएम कमलनाथ ने उच्चाधिकारियों से जांच का आदेश दिया था।