स्टार्टअप की समस्याओं को वित्त मंत्रालय के समक्ष उठाएंगे: राजीव चंद्रशेखर
बातचीत के दौरान स्टार्टअप संस्थापकों ने कहा कि अमेरिकी सरकार ने जमाकर्ताओं के पूरे पैसे लौटाने का आश्वासन तो दिया है समयसीमा नहीं बताई है। इससे स्टार्टअप के सामने नकदी का संकट पैदा हो सकता है। ( जागरण- फोटो)

नई दिल्ली, पीटीआई। सूचना-प्रौद्योगिकी (आइटी) राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मंगलवार को कहा कि उनका मंत्रालय सिलिकान वैली बैंक के दिवालिया होने से प्रभावित स्टार्टअप की समस्याओं को वित्त मंत्रालय के समक्ष उठाएगा। ऐसा करने से ना केवल तात्कालिक संकट से निपटने में मदद मिलेगी बल्कि नकदी की कमी को भी दूर किया जा सकेगा।
स्टार्टअप के सामने नकदी का पैदा हो सकता संकट ; राजीव
राजीव चंद्रशेखर ने स्टार्टअप संस्थापकों और वेंचर कैपिटलिस्ट के साथ बातचीत के दौरान उन्हें भारतीय बैंकिंग प्रणाली से जुड़ने को कहा। उन्होंने तात्कालिक मुद्दों को हल करने का भी आश्वासन भी दिया। बातचीत के दौरान स्टार्टअप संस्थापकों ने कहा कि अमेरिकी सरकार ने जमाकर्ताओं के पूरे पैसे लौटाने का आश्वासन तो दिया है, समयसीमा नहीं बताई है। इससे स्टार्टअप के सामने नकदी का संकट पैदा हो सकता है।
बता दें कि अधिकांश साफ्टवेयर सेवा प्रदाता फर्में अमेरिका में मौजूद हैं और इनक्यूबेटर वाई कांबिनेटर से जुड़ी कंपनियां उन फर्मों में से हैं, जिन पर सिलिकान वैली बैंक के दिवालिया होने का सबसे ज्यादा असर पड़ा है।
भारतीय बैंकिंग प्रणाली का उपयोग
राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि हम इस बात पर विचार करेंगे कि बिना बिजनेस माडल को बदले स्टार्टअप किस तरह भारतीय बैंकिंग प्रणाली का उपयोग कर सकते हैं। वार्ता के दौरान एक वेंचर कैपिटलिस्ट ने कहा कि कई स्टार्टअप को सिलिकान वैली में अच्छा खासा पैसा खर्च करना पड़ता है, लेकिन मौजूदा फेमा (द फारेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट) के नियम विदेशों में उनके संचालन के लिए अनुकूल नहीं हैं। ऐसे में अगर हम पैसा देश में लाते हैं तो क्या ईडी विदेशी फंड के आसान प्रवाह की अनुमति देगा।
एसवीबी के समाधान से स्टार्टअप को मिलेगी राहत सिलिकन वैली बैंक (एसवीबी) के जमाकर्ताओं के धन की सुरक्षा के लिए अमेरिकी प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों के बीच सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि एसवीबी को लेकर जो भी कदम उठाए गए हैं, वह आश्वस्त करने वाले हैं और इससे स्टार्टअप को राहत मिलेगी।
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