राजस्थान सरकार के एक्शन के बाद 7000 स्लीपर बसों का चक्का जाम, लाखों यात्री परेशान
राजस्थान में 7000 निजी स्लीपर बसों का संचालन बंद हो गया है, हालांकि उदयपुर और भीलवाड़ा में बसें चल रही हैं। जैसलमेर और जयपुर में हुई दुर्घटनाओं के बाद परिवहन विभाग ने बसों की जांच शुरू कर दी, जिससे नाराज होकर बस संचालकों ने हड़ताल कर दी। एसोसिएशन का कहना है कि विभाग एकतरफा कार्रवाई कर रहा है। रोडवेज ने अतिरिक्त बसें चलाने का आदेश दिया है।

7000 स्लीपर बसों का चक्का जाम
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में करीब सात हजार निजी स्लीपर बसों का संचालन शुक्रवार से बंद हो गया। हालांकि उदयपुर एवं भीलवाड़ा जिलों के निजी बस संचालक इस फैसले के पक्ष में नहीं है। वे अपनी बसों का संचालन कर रहे हैं।
दरअसल, पिछले दिनों जैसलमेर में निजी स्लीपर बस हादसे में 27 और तीन दिन पहले जयपुर जिले के मनोहरपुर में यूपी की निजी स्लीपर बस में हुए हादसे में दो की मौत के साथ ही दस लोगों के घायल होने के बाद परिवहन विभाग ने स्लीपर बसों की जांच शुरू कर दी।
7000 स्लीपर बसों का चक्का जाम
स्लीपर बसों के चालान काटने के साथ ही कोई भी कमी मिलने पर बसों को सीज करना प्रारंभ कर दिया, इससे नाराज होकर निजी बस संचालकों ने शुक्रवार से स्लीपर बसों का संचालन बंद कर दिया।
परिवहन विभाग की सख्त कार्रवाई
राजस्थान कांट्रेक्ट कैरिज बस आपरेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने कहा कि परिवहन विभाग एकतरफा कार्रवाई कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों के अतिरिक्त उत्तरप्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और गुजरात तक निजी स्लीपर बसों का संचालन होता है।
करीब तीन लाख लोग प्रतिदिन इनमें यात्रा करते हैं। वही निजी बस संचालकों की हड़ताल को देखते हुए रोडवेज के महाप्रबंधक पुरूषोत्तम शर्मा ने सभी डिपो प्रबंधकों को अतिरिक्त बसों का संचालन आगामी आदेश तक करने के लिए कहा है।

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