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    राजस्थान: झालावाड़ के बाद नागौर और सिरोही में गिरी स्कूल की छत, बड़ा हादसा टला

    Updated: Sat, 26 Jul 2025 08:34 PM (IST)

    राजस्थान में जर्जर सरकारी स्कूलों की छत गिरने की घटनाएं सामने आई हैं। झालावाड़ में छत गिरने से सात बच्चों की मौत के बाद नागौर और सिरोही में भी ऐसी ही घटनाएं हुईं हालांकि वहां कोई हताहत नहीं हुआ। शिक्षा विभाग के अनुसार राज्य में 2256 स्कूल और एक हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र जर्जर हालत में हैं।

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    झालावाड़ के बाद दो और स्कूलों की छत गिरी (फोटो सोर्स- एएनआई)

    जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में झालावाड़ के पिपलोदी गांव के सरकारी स्कूल के कमरे की छत गिरने से सात बच्चों की मौत और 21 बच्चों के घायल होने के दूसरे दिन शनिवार को नागौर और सिरोही जिले में भी दो सरकारी स्कूलों की छत गिर गई। दोनों जगह कोई बच्चा नहीं था, जिससे बड़ा हादसा टल गया।

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    इस बीच, राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने आंतरिक रिपोर्ट में माना है कि प्रदेश में 2256 सरकारी स्कूलों एवं एक हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन जर्जर हालत में है। इनमें से 112 स्कूल ऐसे हैं, जो रियासतकालीन सैकड़ों साल पुराने भवनों में चल रहे हैं।

    18-19 साल पहले बना था भवन

    नागौर के खारियावास गांव के राजकीय प्राथमिक स्कूल की छत गिरने को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल भवन करीब 18-19 साल पहले बना था, लेकिन निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण नहीं था। छत सुबह सात बजे गिरी, तब तक बच्चे मैदान में प्रार्थना सभा के लिए एकत्रित हो चुके थे।

    सिरोही के बंजाराफली प्राथमिक स्कूल के बरामदे की छत गिरी, वहां भी उस समय कोई बच्चा नहीं था। उधर, झालावाड़ में हुए हादसे के बाद प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में ग्रामीणों ने जर्जर स्कूल भवन के मुद्दे पर धरना-प्रदर्शन किया और कई स्कूल भवनों में ताला भी लगा दिया।

    ग्रामीणों ने स्कूल में जड़ा ताला

    सवाई माधोपुर में रामनगर सरकारी स्कूल की जर्जर हालत के विरोध में ग्रामीणों ने वहां ताला जड़ दिया। अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर शीघ्र भवन मरम्मत का आश्वासन दिया। कोटा जिले के मेहंदी और उदयपुर के भीमल गांव में भी ग्रामीणों ने जर्जर स्कूल भवन पर ताला जड़ दिया।

    हापुड़ में प्राथमिक विद्यालय में छत का गिरा प्लास्टर

    हापुड़ के भमैड़ा गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में शनिवार दोपहर कक्षा पांच के कमरे की छत का प्लास्टर अचानक गिर गया। इस घटना में दो छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि 29 छात्र बाल-बाल बचे।

    विद्यालय 20 वर्ष पुराना है और इसकी जर्जर स्थिति के कारण कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। अचानक मलबा गिरने से छात्रों में अफरा-तफरी मच गई।

    घायल छात्रों को स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। डीएम अभिषेक पांडेय ने अस्पताल जाकर छात्रों से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है, हादसे के कारणों की जांच की जा रही है।

    शहडोल में जर्जर स्कूल भवन की छत गिरी

    मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के बोड़री ग्राम पंचायत के सेहराटोला स्थित शासकीय प्राथमिक स्कूल की छत का एक हिस्सा शनिवार सुबह गिर गया। घटना के समय कक्षा में बच्चे और शिक्षक मौजूद थे।

    अचानक छत गिरने से सभी ने भागकर अपनी जान बचाई। स्कूल भवन 1999-2000 में बना था, जहां कक्षा एक से पांचवीं तक 33 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।

    पिछले साल शिक्षकों ने छत में आई दरारों की मरम्मत कराई थी और अधिकारियों को सूचित किया था। हालांकि, कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब विभाग ने निर्देश दिए हैं कि जर्जर भवनों में कक्षाएं संचालित नहीं की जाएंगी।

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