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    Rajasthan: दो से ज्यादा बच्चे वालों को सरकारी नौकरी नहीं... सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार के फैसले को रखा बरकरार

    Rajasthan News सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक रोजगार पाने के लिए राजस्थान सरकार के दो बच्चों की पात्रता मानदंड को बरकरार रखा है और फैसला सुनाया है कि यह भेदभावपूर्ण नहीं है और संविधान का उल्लंघन नहीं करता है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इस प्रावधान के पीछे राजस्थान सरकार का उद्देश्य परिवार नियोजन को बढ़ावा देना है।

    By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Thu, 29 Feb 2024 04:18 PM (IST)
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    सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों के लिए राजस्थान सरकार के 2 बच्चों के नियम को बरकरार रखा। (File Photo)

    पीटीआई, नई दिल्ली। सरकारी नौकरियों के लिए राजस्थान सरकार के दो बच्चों के पात्रता मानक को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह भेदभावपूर्ण नहीं है और संविधान का उल्लंघन नहीं करता। राजस्थान विभिन्न सेवा (संशोधन) नियम, 2001 ऐसे अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरियां पाने से रोकता है जिनके दो से अधिक बच्चे हैं।

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    जस्टिस सूर्य कांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने इसके साथ ही भूतपूर्व सैनिक रामजी लाल जाट की अपील खारिज कर दी जिन्होंने 2017 में सेना से सेवानिवृत्ति के बाद 25 मई, 2018 को राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल की नौकरी के लिए आवेदन किया था।

    पीठ ने कहा कि राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम, 1989 का नियम 24(4) गैर-भेदभावपूर्ण है और संविधान का उल्लंघन नहीं करता। यह नियम कहता है कि कोई भी ऐसा अभ्यर्थी सेवा में नियुक्ति के लिए योग्य नहीं होगा जिसके एक जून, 2002 को या उसके बाद दो से ज्यादा बच्चे होंगे। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस प्रविधान का मकसद परिवार नियोजन को बढ़ावा देना था।

    रामजी लाल की उम्मीदवारी को इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि एक जून, 2002 के बाद उसके दो से अधिक बच्चे थे। इसके बाद रामजी लाल ने राजस्थान हाई कोर्ट का रुख किया था जिसने उनकी अपील को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि जिस नियम के तहत उसे अयोग्य करार दिया गया है वह नीति के दायरे में आता है और इसमें अदालती हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है।

    हालांकि रामजी लाल की दलील थी कि दो बच्चों का पात्रता मानदंड निर्धारित करने वाले नियमों के अलावा पूर्व सैनिकों को नौकरी में रखने के ऐसे नियम भी हैं जिनमें दो से अधिक बच्चे नहीं होने की शर्त का उल्लेख नहीं है। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा, 'इसे सही मानते हुए हमारा विचार है कि ऐसी दलील अपीलकर्ता के केस आगे नहीं बढ़ाती।

    यह अविवादित है कि अपीलकर्ता ने राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल पद पर भर्ती के लिए आवेदन किया था और यह भर्ती राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियमों, 1989 के अधीन आती है। 1989 के इन नियमों को विशेष रूप से 2001 के नियमों से जुड़ी अनुसूची के क्रमांक 104 पर सूचीबद्ध किया गया है। इसके मद्देनजर हमें हाई कोर्ट द्वारा अपनाए गए दृष्टिकोण में हस्तक्षेप का कोई आधार नजर नहीं आता।'

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