राजस्थान में कर्मचारियों ने सरकारी योजना में दवा की जगह खरीदा किराने का सामान, अब जबरन रिटायर करने की तैयारी
राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों के लिए राज्य सरकार की ओर से संचालित आरजीएचएस (राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना) में फर्जीवाड़ा सामने आया है। प्रदेश के भ ...और पढ़ें

राजस्थान में कर्मचारियों ने सरकारी योजना में दवा की जगह खरीदा किराने का सामान (सांकेतिक तस्वीर)
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों के लिए राज्य सरकार की ओर से संचालित आरजीएचएस (राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना) में फर्जीवाड़ा सामने आया है। प्रदेश के भरतपुर एवं अलवर जिलों में पुलिसकर्मियों ने चिकित्सकों और दुकानदारों से मिलीभगत करके दवा के स्थान पर राशन का सामान एवं अन्य घरेलू सामान खरीद लिया।
कुछ पुलिसकर्मियों ने खुद को बीमार बताकर चिकित्सकों से सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों से दवा लिखवा ली और फिर दुकानदार से दवा लेने के स्थान पर नकद पैसे ले लिए।
सात पुलिसकर्मियों को निलंबित
इस मामले में भरतपुर जिला पुलिस अधीक्षक दिगंत आनंद ने सात पुलिसकर्मियों को निलंबित किया है। इनमें चार महिला पुलिसकर्मी शामिल है। दोनों जिलों में दो दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों सहित पांच सौ से अधिक सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मामले में जांच की जा रही है।
उन्होंने बताया कि आरजीएचएस योजना में गड़बड़ी पर गृह विभाग ने अपने स्तर पर जांच करवाई थी। इसमें कुछ पुलिसकर्मियों की ओर से घोटाला करने का मामला सामने आने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।
जांच में सामने आया कि कई पुलिसकर्मियों ने सरकारी चिकित्सकों से मिलीभगत करके स्वयं के स्थान पर स्वजन का उपचार करवा लिया, जबकि वे इस योजना के पात्र ही नहीं है। योजना का लाभ केवल सरकारी कर्मचारी ही ले सकता है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामले की जांच लगातार जारी है।
कुछ पुलिसकर्मी अब भी संदेह के घेरे में है
कुछ पुलिसकर्मी अब भी संदेह के घेरे में है। जांच की जा रही है। जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. गौरव कपूर ने बताया कि जिला कलेक्टर के निर्देश पर भी जांच हुई थी, जिसमें पांच सौ कर्मचारियों के नाम सामने आए थे।
इस मामले में पुलिस ने 13 चिकित्सकों से पूछताछ की है। चिकित्सा विभाग भी अपने स्तर पर इन चिकित्सकों के खिलाफ जांच करवा रहा है।
उधर, पूरे प्रदेश में आरजीएचएस योजना में करोड़ों रुपये का घोटाला विभिन्न जांचों में सामने आने के बाद सरकार ने एक सौ से अधिक सरकारी कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृति देने की तैयारी की है। सूची में डेढ़ दर्जन चिकित्सक भी शामिल हैं। पिछले दिनों 30 कर्मचारियों को आरजीएचएस योजना में घोटाले के मामले में निलंबित किया गया था।
मेल से दी गई बाड़मेर कलेक्ट्रेट परिसर को बम से उड़ने की धमकी
मेल के माध्यम से बाड़मेर कलेक्ट्रेट परिसर को आरडीएक्स से उड़ाने की धमकी दी गई। सूचना मिलने के बाद कलेक्ट्रेट परिसर खाली करवाया गया, सघन तलाशी अभियान शुरू किया गया। किसी प्रकार की कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिलने पर दोपहर बाद परिसर आमजन के लिए खोल दिया गया था।
मेल में बाड़मेर कलेक्टर के साथ एक्टर रजनीकांत समेत तमिलनाडु के अन्य नेताओं के घर और आफिस को भी ब्लास्ट करने की धमकी दी गई है। बताया कि सोमवार रात 10:45 पर धमकी भरा मेल कलेक्ट्रेट मेल पर आया था इसके बाद पूरा कलेक्टर परिसर को खाली करवा दिया गया।

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