Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Joshimath: बारिश और भूकंप से और भयावह हो सकती है जोशीमठ की स्थिति, IIT विशेषज्ञ का चौंका देने वाला दावा

    By AgencyEdited By: Anurag Gupta
    Updated: Wed, 11 Jan 2023 06:04 PM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जोशीमठ की स्थिति पर अपनी नजर बनाए हुए हैं। कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लगातार संपर्क में है। इसी बीच आईआईटी कानपुर की एक टीम ने सर्वे कर चौंका देने वाली जानकारी दी है।

    Hero Image
    Joshimath: बारिश और भूकंप से और भयावह हो सकती है जोशीमठ की स्थिति

    कानपुर, एएनआई। उत्तराखंड के जोशीमठ में भूस्खलन और भूधंसाव के चलते हालात चिंताजनक बने हुए हैं। ऐसे में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर की एक टीम ने पूरे क्षेत्र का सर्वे किया। आईआईटी कानपुर की भूवैज्ञानिक अनुसंधान टीम के प्रमुख प्रोफेसर राजीव सिन्हा ने बताया कि अगर बारिश या भूकंप का दौर चलता है तो जोशीमठ में स्थिति और खराब हो सकती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बारिश के बाद बिगड़ सकते हैं हालात

    उन्होंने कहा कि दरारें और ताबाही का मंजर पहले ही शुरू हो गया था। यह सर्दियों का मौसम है लेकिन बारिश के बाद या फिर भूकंप की वजह से स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ जाएगी। इसी बीच उन्होंने त्रासदी के पीछे के तीन कारणों को उजागर किया।

    1. जोशीमठ एक सक्रिय क्षेत्र है और जोन-5 में आता है।
    2. भूकंप और भूस्खलन की दृष्टि से यह संवेदनशील क्षेत्र है।
    3. पूरा क्षेत्र पुराने मलबे पर बना हुआ है।

    अलकनंदा के पास किया गया सर्वे

    प्रोफेसर सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ क्षेत्र के मकानों की नींव और निर्माण कार्य अनियोजित तरीके से हुआ है। साथ ही उन्होंने कहा कि पत्थरों की दरारों के बीच में पानी का रिसाव है। ऐसे में पानी का दबाव स्थिति को और भी ज्यादा बदतर बना रहा है। आईआईटी कानपुर की सर्वेक्षण टीम ने अलकनंदा और धौलीगंगा के पास सर्वे किया।

    उन्होंने बताया कि हमने एनटीपीसी की दो साल की योजना लिए अलकनंदा और धौलीगंगा के पास एक सर्वेक्षण किया है। हमने वारी जिले में कई बदलाव देखे हैं।

    Joshimath आपदा के 5 कारण और पांच सवाल; क्यों वैज्ञानिकों की सलाह को करते रहे नजरअंदाज?

    PMO के संपर्क में CM धामी

    जोशीमठ को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत की थी। इस दौरान उन्होंने जोशीमठ को बचाने के लिए हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया था। कहा जा रहा है कि पुष्कर सिंह धामी लगातार पीएमओ के संपर्क में हैं। जोशीमठ की स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्र ने एक उच्च स्तरीय बैठक की थी, जिसमें सात विभिन्न संगठनों के विशेषज्ञों की एक टीम का गठन किया गया था।

    इस टीम में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, आईआईटी रुड़की, वाडिया हिमालयी भूविज्ञान संस्थान, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान और केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान के विशेषज्ञ शामिल हैं। इन लोगों को जोशीमठ को बचाने के लिए अपना सुझाव देने का काम सौंपा गया है।

    Joshimath Sinking: पीएम मोदी ने फोन पर की सीएम धामी से बात, दिया जोशीमठ बचाने को हरसंभव मदद का भरोसा

    Joshimath: दो दर्जन मकानों के दरारों की चौड़ाई बढ़ी, मुआवजे की मांग पर स्थानीय अड़े