CAA Protest: यूपी की तर्ज पर उपद्रवियों से परिसंपत्तियों के नुकसान की वसूली करेगा रेलवे
सबसे ज्यादा 70 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों का नुकसान पूर्व रेलवे में हुआ है। जबकि 10 करोड़ रुपये का नुकसान पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे में हुआ है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की तर्ज पर रेलवे भी सीएए विरोध के नाम पर परिसंपत्तियों का नुकसान करने वाले उपद्रवियों से वसूली करेगी। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद यादव ने इस बात का ऐलान किया।
80 करोड़ रुपये से अधिक की रेलवे परिसंपत्तियों का नुकसान
यादव ने कहा कि सीएए का विरोध करने के नाम पर उपद्रवियों ने तोड़फोड़ और आगजनी के जरिए विभिन्न जोनों में 80 करोड़ रुपये से अधिक की रेलवे परिसंपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है। अब इन्हीं लोगों से वसूली कर नुकसान की भरपाई की जाएगी। रेलवे अफसरों के अनुसार इसके लिए उपद्रवियों के खिलाफ एफआइआर लिखकर रेलवे एक्ट की धारा 151 के तहत मुकदमे कायम किए जाएंगे।
उपद्रवियों पर कार्रवाई के लिए रेलवे को राज्यों की सहमति लेनी होगी
रेलवे एक्ट में रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को सात साल तक की कैद का प्रावधान है। हालांकि चूंकि कानून-व्यवस्था राज्यों का विषय है। इसलिए उपद्रवियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए रेलवे को राज्यों की सहमति लेनी होगी। असम में भाजपा सरकार होने के कारण ये आसान होगा, जबकि पश्चिम बंगाल में तृणमूल की सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रुख को देखते हुए ऐसा कर पाना मुश्किल होगा। हालांकि रेलमंत्री पीयूष गोयल ममता बनर्जी से उपद्रवियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग कर चुके हैं।
पूर्व रेलवे को हुआ सबसे ज्यादा नुकसान
सबसे ज्यादा 70 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों का नुकसान पूर्व रेलवे में हुआ है। जबकि 10 करोड़ रुपये का नुकसान पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे में हुआ है। इसके अलावा दक्षिण-मध्य रेलवे की परिसंपत्तियों को भी कुछ क्षति पहंुची है, जिसका आकलन किया जा रहा है। ये आकलन फौरी है, वास्तविक नुकसान इससे ज्यादा हो सकता है।
नई रेल संपत्तियां
इससे पहले 2019 की उपलब्धियों पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने कहा कि अप्रैल-नवंबर के दौरान हमने 1.60 लाख करोड़ रुपये के वार्षिक पूंजीगत परिव्यय में से 1.02 लाख करोड़ खर्च लिए हैं। इस दौरान नई लाइन, दोहरीकरण व आमान परिवर्तन कुल 1165 किलोमीटर के कार्य हुए जो पिछले वर्ष इसी अवधि से 15 फीसद अधिक हंै। विद्युतीकरण का कार्य 42 फीसद बढ़कर 2041 किलोमीटर हो गया। इसके अलावा 3560 किमी ट्रैक का नवीकरण (27 फीसद अधिक) कर 118 के मुकाबले 170 फुट ओवरब्रिज बनाए गए।
फ्रेट कारीडोर
उक्त अवधि में भादन-खुर्जा के बीच पूर्वी फ्रेट कारीडोर के 194 किमी लंबे सेक्शन के अलावा पश्चिमी फ्रेट कारीडोर के 305 किमी लंबे रेवाड़ी-मदार खंड को चालू किया गया।
रोलिंग स्टॉक
आठ माह मंे 60 फीसद ज्यादा अर्थात 495 इलेक्टि्रक इंजनो तथा 40 फीसद ज्यादा अर्थात 3837 एलएचबी डिब्बों का उत्पादन हुआ।
नई ट्रेने
दो सेमी हाईस्पीड वंदे भारत ट्रेनो के अलावा पहली प्राइवेट तेजस एक्सप्रेस का संचालन प्रारंभ हुआ। इसके अलावा 194 ट्रेनों को उत्कृष्ट रेक में तब्दील कर 78 नई ट्रेन सेवाएं प्रारंभ की गई। यही नहीं, 120 जोड़ी ट्रेनो में पुराने आइसीएफ कोच की जगह सुरक्षित एलएचबी कोच लगाए गए तथा 104 ट्रेनों को तीव्रगामी मेमू ट्रेनों में बदला गया।

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