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    'पर्याप्त आराम करें, बहस से भी बचें', रेड सिग्नल पार करने के बढ़ते मामलों से चिंतित रेल मंत्रालय की चालकों को नसीहत

    Updated: Tue, 03 Jun 2025 06:18 AM (IST)

    रेल मंत्रालय ने सभी जोन के महाप्रबंधकों को एक पत्र लिखा है जिसमें ट्रेन चालकों को पर्याप्त आराम करने और रनिंग रूम में अनावश्यक बहस से बचने की सलाह दी ...और पढ़ें

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    'पर्याप्त आराम करें, रेल चालक दल को मशविरा। (फाइल फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। 'सावधानी हटी, दुर्घटना घटी'- यह प्रचलित कहावत सदैव सचेत रहने की प्रेरणा देती है ताकि कोई भी किसी अप्रिय घटना से दो-चार न हो। कई बार रेलवे स्टेशनों पर बने रनिंग रूम (विश्राम कक्ष) में ट्रेन चालक दल के सदस्य अनावश्यक गपशप में इतना मशगूल रहते हैं कि उनकी 'असावधानी' रेल हादसे का सबब बन जाती है।

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    बीते साल 33 ऐसे मामले सामने आए जब ट्रेन रेड सिग्नल पार कर गई और उनको कानोंकान खबर भी नहीं हुई। इसी असावधानी को दूर करने के लिए रेल मंत्रालय ने सभी जोन के महाप्रबंधकों को संबोधित एक पत्र लिखा है।

    ट्रेन के चालक दल को पर्याप्त आराम करना चाहिए

    इसमें संबंधित विभाग प्रमुखों से चालक दल को सुरक्षा और सीखने से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर परामर्श देने का आग्रह किया है। 30 मई को लिखे पत्र के मुताबिक, मंत्रालय चाहता है कि ट्रेन चालक दल को पर्याप्त आराम करने और रनिंग रूम में अनावश्यक बहस से बचने के लिए परामर्श दिया जाए। साथ ही, अन्य उपायों के साथ-साथ रेड सिग्नल पार के मामलों को रोकने के लिए भी कहा जाए।

    रेड सिग्नल पार करने के मामले लगातार बढ़ रहे

    पत्र में रेड सिग्नल पार करने के लगातार मामलों पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है। कुछ विशेष बातों के संदर्भ में मंत्रालय चाहता है कि ट्रेन चालक दल को परामर्श दिया जाए - जैसे, ''मुख्यालय और रनिंग रूम में पर्याप्त आराम करें; रनिंग रूम में अनावश्यक बहस से बचें। निर्धारित किए गए मार्ग के लिए निर्देशों के अनुसार उचित परिवहन प्रशिक्षण सुनिश्चित करें। यात्रा के दौरान मोबाइल फोन को बंद अवस्था में बैग में रखें, आदि।''

    मंत्रालय ने अपने पत्र में कहा है कि पिछले वर्ष (2024-25) के दौरान, सुरक्षा सूचना प्रबंधन प्रणाली पर रेड सिग्नल पार करने की 33 घटनाएं दर्ज की गईं। इसने कहा है, ''मौजूदा निवारक प्रयासों के बावजूद इस वर्ष रेड सिग्नल पार करने के छह मामले सामने आए हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि चालक दल की कठोर काउंस¨लग और अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों द्वारा निगरानी तथा सुधारात्मक कार्रवाई की अहम आवश्यकता है।''

    वॉकी-टॉकी से नहीं प्राप्त करें निर्देश

    एक सूत्र ने बताया, ''अगर अब तक सुरक्षा सूचना प्रबंधन प्रणाली में छह मामले रिपोर्ट किए गए हैं, तो वास्तविक संख्या कहीं अधिक हो सकती है क्योंकि कई अधिकारी एसपीएडी के सभी मामलों की रिपोर्ट नहीं करते हैं।'' निर्देशों में यह भी कहा गया है कि चालक दल को स्टेशन स्टाफ से वाकी-टाकी के माध्यम से परिचालन निर्देश प्राप्त नहीं करना चाहिए।