रेलवे की परीक्षाओं में बदल गया नियम, अब एग्जाम में ये सामान भी ले जा सकेंगे कैंडिडेट; फॉर्म भरने की प्रक्रिया में भी बड़ा बदलाव
रेलवे भर्ती परीक्षाओं में अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए पुराने नियम बदले गए हैं। अब धार्मिक प्रतीकों जैसे पगड़ी हिजाब कड़ा पहनकर परीक्षा केंद्र जा सकते हैं बशर्ते सुरक्षा मानकों का उल्लंघन न हो। रेलवे ने समावेशी दृष्टिकोण के साथ धार्मिक प्रतीकों के इस्तेमाल की अनुमति दी है। वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) सिस्टम लागू किया गया है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रेलवे भर्ती परीक्षाओं में अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए कई पुराने नियम बदले गए हैं। पहले परीक्षा के दौरान धार्मिक प्रतीकों को पहनकर परीक्षा केंद्रों में जाने की अनुमति नहीं थी। कारण था इलेक्ट्रॉनिक गैजेट छुपाकर नकल करने की आशंका, जिससे परीक्षा की निष्पक्षता प्रभावित हो सकती थी।
अब अभ्यर्थियों की आस्था को देखते हुए यह प्रतिबंध हटा लिया गया है। परीक्षार्थी पगड़ी, हिजाब, कड़ा एवं क्रॉस लाकेट जैसे प्रतीकों को भी धारण कर परीक्षा केंद्रों में जा सकते हैं, बशर्ते उनके ऐसा करने से सुरक्षा मानकों का उल्लंघन नहीं किया जा रहा है। रेलवे ने परीक्षा की शुचिता बरकरार रखते हुए समावेशी एवं धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण के साथ परीक्षार्थियों को धार्मिक प्रतीकों के इस्तेमाल की अनुमति देने का निर्णय लिया है।
जांच प्रक्रिया पूर्ववत लागू रहेगी
हालांकि रेलवे ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि किसी धर्म या पंथ से जुड़े प्रतीक तभी तक अनुमति योग्य होंगे, जब तक वे सुरक्षा व्यवस्था में बाधा नहीं बनते हैं। परीक्षा केंद्रों पर जांच प्रक्रिया पूर्ववत लागू रहेगी और उसी के तहत सत्यापन भी किया जाएगा। रेलवे मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह परिवर्तन न सिर्फ अभ्यर्थियों की धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान करता है, बल्कि भारत की विविधता को भी मान्यता देता है।
अभी तक रेलवे परीक्षा में ड्रेस कोड का सख्ती से पालन करना पड़ता था। किसी तरह के धार्मिक चिह्नों और परिधानों की अनुमति नहीं थी। इस कारण अभ्यर्थियों को आस्था एवं अवसर में से किसी एक को चुनना पड़ता था। कई बार उनकी निजता एवं आत्मसम्मान भी आहत होता था। रेलवे ने एक बड़ा बदलाव आवेदन प्रक्रिया में भी किया है। भर्ती कैलेंडर में वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) सिस्टम लागू किया गया है।
वेबसाइट पर भी हुआ ये बदलाव
- अभ्यर्थियों को बार-बार व्यक्तिगत विवरण, शैक्षणिक प्रमाणपत्र, फोटो एवं सिग्नेचर आदि अपलोड नहीं करने पड़ेंगे। एक बार ओटीआर प्रोफाइल बनने के बाद भविष्य की कई रिक्तियों में उसी प्रोफाइल से आवेदन किया जा सकेगा। इससे डेटा की एकरूपता और गलतियों की आशंका कम हो जाएगी। रेलवे भर्ती बोर्ड की वेबसाइट को दिव्यांगजनों के अनुकूल अपडेट किया गया है।
- दृष्टिबाधित अभ्यर्थियों को ध्यान में रखते हुए ऑडियो नेविगेशन फीचर जोड़ा गया है। अब वेबसाइट पर मौजूद टेक्स्ट को ऑडियो फॉर्म में भी पढ़ा जा सकता है। इससे स्क्रीन पढ़ने में परेशानी महसूस करने वाले अभ्यर्थी बिना किसी की मदद के भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें- सोनाली मिश्रा बनीं रेलवे सुरक्षा बल की पहली महिला महानिदेशक, तेजतर्रार पुलिस अधिकारी की रही है छवि
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।