ट्रेन किराए में छूट के लिए कैंसर पीडि़तों को दिखाना होगा रेलवे का प्रमाण पत्र
रेलवे अब अस्पतालों को ही सर्टिफिकेट बुक जारी करेगा। रियायती टिकट लेते समय मरीज और उनके सहयोगियों को अस्पताल से यह प्रमाण पत्र लेकर टिकट खिड़की पर दिखाना होगा।
जबलपुर, नई दुनिया प्रतिनिधि। टीबी, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के मरीजों को ट्रेनों के किराए में रियायत देने वाले नियम में रेलवे बदलाव करने जा रहा है। रेलवे अब अस्पतालों को ही सर्टिफिकेट बुक (छपे हुए प्रमाण-पत्र) जारी करेगा। रियायती टिकट लेते समय मरीज और उनके सहयोगियों को अस्पताल से यह प्रमाण पत्र लेकर टिकट खिड़की पर दिखाना होगा। इस आशय का पत्र जबलपुर रेल मंडल में पहुंच गया है।
अभी मरीज डॉक्टर द्वारा जारी प्रमाण पत्र को टिकट खिड़की पर दिखाकर टिकट में रियायत लेते हैं। रेलवे की जांच में ऐसे कई प्रमाण पत्र फर्जी मिले। यहां तक कि कई मरीजों ने एक बार में ही 12 से 13 प्रमाण पत्र बनवाकर रख लिए, जिसका उपयोग हर बार की यात्रा में वे करते थे। रेलवे को उम्मीद है कि अस्पताल को जारी सर्टिफिकेट बुक से मरीजों को दिए जाने वाले वीआईपी कोटा का दुरुपयोग रोकेगा। अभी छात्रों को यात्रा में 50 प्रतिशत की छूट इसी प्रकार मिलती है।
हर सर्टिफिकेट का होगा सीरियल नंबर
सर्टिफिकेट बुक में हर प्रमाण पत्र का एक सीरियल नंबर होगा, जिससे मरीज और अस्पताल की पहचान करना आसान होगा। इस पर डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन की सील और हस्ताक्षर होंगे। इन प्रमाण पत्रों का ऑडिट होगा और रेलवे के जांच अधिकारी समय-समय पर इनकी जांच करेंगे, ताकि गलत तरीके से इन्हें जारी न किया जाए।
यह मिलती है रियायत
स्लीपर व थर्ड एससी कोच में मरीज को मुफ्त टिकट मिलता है। उसके साथ जाने वाले को 75 फीसदी ही किराया देना होता है। जबकि सेकंड एसी में मरीज को 50 फीसदी रियायत तथा साथ जाने वाले को भी 50 फीसदी रियायत मिलती है।
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