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मछुआरों के साथ समुद्र में उतरे राहुल गांधी, जाल में फंसी मात्र एक मछली; फिर दोहराई 'मंत्रालय' की बात

राहुल गांधी मछुआरों के साथ करीब ढाई घंटे तक रहे। दस मिनट तक वे समुद्र में भी तैरे। मछुआरों ने उन्हें नाव में ब्रेड के साथ मछली पकाकर खिलाई। नीली टी शर्ट और खाकी पैंट में राहुल नाव से हाथ हिलाकर तट पर मौजूद लोगों का अभिवादन भी करते रहे।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 24 Feb 2021 05:58 PM (IST)Updated: Wed, 24 Feb 2021 05:58 PM (IST)
मछुआरों के साथ समुद्र में उतरे राहुल गांधी, जाल में फंसी मात्र एक मछली; फिर दोहराई 'मंत्रालय' की बात
मछुआरों के साथ राहुल गांधी समुद्र में भी उतरे, जाल में फंसी मात्र एक मछली (फोटो एजेंसी)

कोल्लम, एजेंसियां। राहुल गांधी बुधवार की सुबह केरल में मछुआरों के साथ समुद्र में भी उतरे और मछली पकड़ने के लिए उनके साथ जाल भी फेंका। हालांकि उनके फेंके हुए जाल में मात्र एक स्क्विड मछली ही फंसी। वे मछुआरों के साथ करीब ढाई घंटे तक रहे। दस मिनट तक वे समुद्र में भी तैरे। मछुआरों ने उन्हें नाव में ब्रेड के साथ मछली पकाकर खिलाई। नीली टी शर्ट और खाकी पैंट में राहुल नाव से हाथ हिलाकर तट पर मौजूद लोगों का अभिवादन भी करते रहे। थंगासेरी में समुद्र तट पर उन्होंने मछुआरों के बीच कहा कि आप जो करते हैं उसे मैं समझता और उसका सम्मान करता हूं। हम मछली खाते हैं लेकिन आपकी कितनी कड़ी मेहनत से यह हमारी प्लेट तक पहुंचती है इसे नहीं समझते।

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उन्होंने मछुआरों को भाई कहकर संबोधित किया। उन्होंने कहा कि नाव से समुद्र में जाने और वहां से लौटने तक हर पल मैंने अपने भाइयों को संघर्ष करते देखा। नाव, जाल से लेकर नाव के पेट्रोल में मछुआरे बहुत पैसा लगाते हैं लेकिन उन्हें उसका उचित लाभ नहीं मिल रहा है। यह लाभ कोई और ले जा रहा है।

राहुल गांधी के जाल में फंसी केवल एक मछली

उन्होंने कहा कि जब मैंने जाल फेंका तो कल्पना की थी कि जाल में भरपूर मछलियां फंसेंगी लेकिन मात्र एक मछली देखकर मैं समझ गया कि मछुआरों के साथ क्या बीतती होगी। मैं उनके साथ काम करके उनकी समस्याओं को समझना चाहता हूं। मैं उनकी सभी समस्याएं तो हल नहीं कर सकता लेकिन काफी समस्याएं दूर करने का प्रयास कर सकता हूं।

मछुआरों को लुभाने के लिए राहुल ने फिर दोहराई 'मंत्रालय' की बात

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मछुआरों को रिझाने के लिए एक बार फिर उनके लिए अलग से मंत्रालय की बात दोहराई। हालांकि यह अलग बात है कि मछुआरों के लिए पहले से ही मंत्रालय है। मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय का कार्य भार फिलहाल गिरिराज सिंह के पास है। उनके साथ दो राज्य मंत्री संजीव बालियान और प्रताप चंद्र सारंगी भी इस मंत्रालय को संभाल रहे हैं।

स्मृति ईरानी और गिरिराज सिंह ने राहुल की जानकारी पर  उठाया था सवाल

उन्होंने कहा कि जिस तरह हमारे किसान जमीन पर फसल उगाते हैं आप समुद्र में खेती करते हैं। दिल्ली में उनके लिए अलग मंत्रालय है लेकिन आप लोगों के लिए। दिल्ली में आपकी बात करने वाला कोई नहीं है। मैं सबसे पहला काम करूंगा कि मछुआरों के लिए एक अलग मंत्रालय बनाऊंगा ताकि आपके मुद्दों का समाधान हो सके। राहुल ने इससे पहले पुडुचेरी में भी मछुआरों के लिए अलग मंत्रालय की बात की थी जिस पर उनकी काफी खिंचाई हुई थी। तब स्मृति ईरानी और गिरिराज सिंह ने इटैलियन भाषा में ट्वीट कर उनकी जानकारी पर सवाल उठाया था।


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