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    राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने कर दिया दूध का दूध-पानी का पानी, फर्जी वोटर के दावों पर ये कहा

    By Agency Edited By: Chandan Kumar
    Updated: Sat, 09 Aug 2025 02:00 AM (IST)

    बेंगलुरु में चुनाव आयोग की जांच में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का एक परिवार पर फर्जी मतदाता होने का आरोप गलत साबित हुआ। जांच में पाया गया कि परिवार के तीनों सदस्य असली मतदाता हैं और उनके पते जीपीएस-टैग के साथ इंटरनेट पर मौजूद हैं। राहुल गांधी ने पहले इन मतदाताओं की तस्वीरें न दिखने पर सवाल उठाए थे। अब चुनाव आयोग ने उनसे हलफनामा मांगा है।

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    राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि तीन लोगों का एक परिवार (एक पुरुष और दो महिलाएं) फर्जी मतदाता हैं।

    आइएएनएस, बेंगलुरु। कांग्रेस नेता राहुल गांधी का एक परिवार के फर्जी मतदाता होने का दावा गलत निकला है। बेंगलुरु में चुनाव आयोग की ओर की गई प्रारंभिक जांच से पुष्टि हो गई है कि संबंधित व्यक्ति असली मतदाता हैं।

    राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि तीन लोगों का एक परिवार (एक पुरुष और दो महिलाएं) फर्जी मतदाता हैं, क्योंकि वह उनकी तस्वीरें नहीं देख पा रहे थे।

    हालांकि, तीनों व्यक्तियों की तस्वीरें और उनके जीपीएस-टैग वाले पते इंटरनेट मीडिया पर सामने आ गए हैं। तस्वीर में परिवार के सदस्य बेंगलुरु स्थित आवास पर अपने मतदाता पहचान पत्र के साथ दिखाई दे रहे हैं। परिवार में तीन सदस्य ओम प्रकाश बागड़ी, सरस्वती देवी बागड़ी और माला बागड़ी हैं।

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    सूत्रों ने बताया कि कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने राहुल गांधी से व्यक्तिगत रूप से हलफनामा दाखिल करने के लिए इसलिए कहा, क्योंकि वह पहले भी चुनाव आयोग पर आरोप लगाकर उससे मुकरते रहे हैं।

    राहुल के आरोप से चर्चा में आए वोटर ने कहा, यह निजता का हनन

    इस बार शपथपत्र मांगने का कारण यह है कि उन्होंने पहले कभी कोई स्व-हस्ताक्षरित पत्र जमा नहीं किया है। हम जो भी जवाब देते हैं, वह किसी अन्य संस्था को भेज दिया जाता है और हर बार वह उससे मुकर जाते हैं।

    चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि सात अगस्त को कर्नाटक सरकार ने जाति सर्वेक्षण के लिए मतदाता सूची को आधार बनाने का फैसला किया। विडंबना यह है कि उसी दिन राहुल गांधी ने मतदाता सूची की विश्वसनीयता पर सवाल उठा दिया।

    लखनऊ के इंदिरानगर निवासी आदित्य श्रीवास्तव ने राहुल गांधी के उन दावों को खारिज कर दिया कि अलग-अलग राज्यों में मतदान करने के लिए उनका (आदित्य का) मतदाता पहचान पत्र बना था। एक न्यूज चैनल से आदित्य ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग की गाइडलाइन के अनुसार ही प्रत्येक राज्य में अपना वोट ट्रांसफर कराने के लिए आवेदन किया था। एक समय केवल एक ही जगह पर मतदान किया।

    मतदाता सूची में नाम ट्रांसफर का आवेदन

    पिछले कई वर्षों से बेंगलुरु में नौकरी कर रहे आदित्य श्रीवास्तव ने राहुल गांधी के आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि यह उनकी निजता का हनन है। उनका नाम गलत संदर्भ में घसीटा गया। आदित्य का नाम लखनऊ की पूर्वी विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में दर्ज था।

    2016 में वह मुंबई चले गए और उसके बाद वहां से बेंगलुरु शिफ्ट हो गए। पहले उन्होंने अपना मतदाता पहचान पत्र मुंबई के पते पर ट्रांसफर कराया। मुंबई के बाद जब 2021 में वह बेंगलुरु शिफ्ट हुए तो वहां पर भी आयोग की वेबसाइट पर जाकर पता व मतदाता सूची में नाम ट्रांसफर का आवेदन किया।

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