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    'यात्रियों की बेबसी...', इंडिगो मामले पर राहुल गांधी ने सरकार को घेरा; ईस्ट इंडिया कंपनी का भी हुआ जिक्र

    By Sanjay MishraEdited By: Garima Singh
    Updated: Fri, 05 Dec 2025 08:24 PM (IST)

    कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इंडिगो की फ्लाइट रद्द होने के मुद्दे पर सरकार को घेरा है। उन्होंने सरकार की एकाधिकार नीतियों को यात्रियों की परेशानी का क ...और पढ़ें

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    राहुल गांधी का सरकार पर हमला फाइल फोटो

    संजय मिश्र, नई दिल्ली। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस इंडिगो की पिछले कई दिनों से रोजाना सैकड़ो फ्लाइट रद्द होने से परेशान और बेहाल यात्रियों की मुसीबत का मामला उठाते हुए एकाधिकार को प्रोत्साहन देने वाली सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है।

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    देश भर में एयरपोर्ट पर मची अफरा-तफरी को कांग्रेस नेता ने एकाधिकार पर आधारित नीतियों की नाकामी का प्रमाण बताया। वहीं कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि एक ही दिन में इंडिगो की 550 से अधिक फ्लाइट्स का रद्द होना स्पष्ट तौर पर इसका प्रमाण है कि जब दो कंपनियों ने भारत के उडडयन सेक्टर पर जानलेवा कब्जा कर लिया तब सरकार सो रही थी।

    राहुल गांधी का सरकार पर हमला

    इंडिगो एयरलाइंस की देश भर में लगभग ठप हुई सेवा से परेशान यात्रियों का मुद्दा उठाते हुए एकाधिकारवाद की जगह नए बिजनेस डील की जरूरत संबंधी पिछले साल लिखे अपने लेख को एक्स पर पोस्ट करते हुए राहुल गांधी ने कहा 'इंडिगो की नाकामी इस सरकार के मोनोपॉली मॉडल की कीमत है।

    विलंब, उड़ाने रद्द और लाचारी के रूप में एक बार फिर आम भारतीय ही इसकी कीमत चुका रहे हैं। भारत हर सेक्टर में साफ-सुथरी प्रतिस्पर्धा का हकदार है, मैच-फि¨क्सग मोनोपॉली का नहीं।'

    कांग्रेस नेता ने इस चर्चित लेख में कहा था कि असली ईस्ट इंडिया कंपनी 150 साल पहले खत्म हो गई थी, लेकिन तब जो डर पैदा हुआ था, वह अब वापस आ लौटा आया है और उसकी जगह एकाधिकारवादी लोगों की एक नई नस्ल ने ले ली है। ऐसे में प्रगतिशील भारतीय बिजनेस के लिए न्यू डील एक ऐसा आइडिया है जिसका समय आ गया है और यह सिर्फ एक विकल्प नहीं बल्कि भविष्य है।

    लाखों यात्री एयरपोर्ट पर बेबस 

    वेणुगोपाल ने राहुल गांधी का समर्थन करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने उद्योग की प्रतिस्पर्धा को दो प्लेयर्स तक सीमित कर दिया है। यात्रियों के फायदे की बजाय कारपोरेट लालच को प्राथमिकता दी है। लाखों यात्री आठ घंटे से अधिक समय तक एयरपोर्ट पर बेबस हैं और उनकी उड़ाने रद्द हो गईं।

    आम यात्री जिन्हें तुरंत यात्रा की जरूरत है वे अब प्लेन टिकट नहीं खरीद सकते। यह ऐसी स्थिति है जहां न तो एयरलाइंस और न ही नागरिक उडडयन मंत्रालय की कोई जवाबदेही है और पूरे देश में फ्लाइटस बंद हैं। यह रेगुलर आपरेशनल दिक्कत नहीं बल्कि सरकार की मंजूरी वाली सिस्टम की नाकामी है और तुरंत कड़े कदम नहीं उठाए गए तो यह बार-बार होगी।

    एकाधिकार नीतियों की नाकामी

    कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि हवाई चप्पल पहनने वाले हवाई जहाज में बैठेंगे यह बात कही गई थी लेकिन इंडिगो स्टाफ और यात्रियों के बीच जूते चप्पल चल रहे हैं।

    हमारे एयरलाइन सेक्टर का 92 प्रतिशत हिस्सा केवल दो कंपनियों इंडिगो और टाटा के हाथ में है तथा सरकार को इनके सामने झुकना पड़ा और यात्री सुरक्षा की नई गाइडलाइंस इन कंपनियों के दबाव के कारण वापस लेनी पड़ी है।