'छठ के लिए कहां हैं 12 हजार स्पेशल ट्रेनें?', राहुल गांधी ने सरकार के दावे को बताया सफेद झूठ
कांग्रेस ने छठ पर बिहार जाने वाली ट्रेनों में भीड़ को लेकर सरकार के 12000 ट्रेनें चलाने के दावे पर सवाल उठाए हैं। राहुल गांधी ने कहा कि सरकार का दावा झूठा है और यात्रियों की दुर्दशा एनडीए की नीतियों का प्रमाण है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार ने चुनाव से पहले वोट बटोरने के लिए झूठ बोला है और लोगों की आस्था से खिलवाड़ किया है।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी। (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने छठ महापर्व के मौके पर बिहार जाने वाली ट्रेनों में भारी भीड़ के मद्देनजर 12000 ट्रेनें चलाने के दावे पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा है कि सरकार ने पर्याप्त संख्या में विशेष ट्रेनें चलाने का अपना वादा पूरा नहीं किया है।
साथ ही पार्टी ने आरोप लगाया कि बिहार में चुनाव से पहले वोट बटोरने के लिए सरकार ने ''झूठ'' बोला और ट्रेन में अमानवीय स्थिति में यात्रा कर रहे ''बेबस यात्री'' एनडीए की ''धोखेबाज नीतियों'' का प्रमाण है। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने यात्रियों की मुसीबत को लेकर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सुरक्षित और सम्मानजनक यात्रा एक अधिकार है, कोई उपकार नहीं।
राहुल गांधी ने क्या कहा?
बिहार जाने वाली ट्रेनों में चढ़ने वाले यात्रियों के हुजूम से संबंधित एक न्यूज रिपोर्ट को एक्स पर साझा करते हुए राहुल गांधी ने विशेष ट्रेनें चलाने के सरकारी दावों की धज्जियां उड़ाते हुए कहा कि बिहार जाने वाली ट्रेनें भरी हुई हैं और टिकट मिलना नामुमकिन है, त्योहारों के मौसम में यात्रा ''अमानवीय'' हो जाती है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि त्योहारों का महीना है दिवाली, भाईदूज, छठ बिहार में इन त्योहारों का मतलब सिर्फ आस्था नहीं, घर लौटने की लालसा है। मिट्टी की खुशबू, परिवार का स्नेह, गांव का अपनापन। लेकिन यह लालसा अब एक संघर्ष बन चुकी है। बिहार जाने वाली ट्रेनें ठसाठस भरी हैं, टिकट मिलना असंभव है, और सफर अमानवीय हो गया है। कई ट्रेनों में क्षमता से 200 प्रतिशत तक अधिक यात्री सवार हैं तथा लोग दरवाजों और छतों तक लटके हैं।
'खोखले हैं डबल इंजन सरकार के दावे'
राहुल गांधी ने कहा कि फेल डबल इंजन सरकार के दावे खोखले हैं। साथ ही सवाल उठाया कि कहां हैं 12,000 स्पेशल ट्रेनें? क्यों हालात हर साल और बदतर ही होते जाते हैं। क्यों बिहार के लोग हर साल ऐसे अपमानजनक हालात में घर लौटने को मजबूर हैं? अगर राज्य में रोजगार और सम्मानजनक जीवन मिलता, तो उन्हें हजारों किलोमीटर दूर भटकना नहीं पड़ता।
नेता विपक्ष ने कहा कि ये सिर्फ मजबूर यात्री नहीं, एनडीए की धोखेबाज नीतियों और नियत का जीता-जागता सबूत हैं। यात्रा सुरक्षित और सम्मानजनक हो यह अधिकार है, कोई एहसान नहीं।
'असल में सिर्फ 1500 ट्रेनें चलाई गईं'
कांग्रेस की ओर से शनिवार को इस मसले पर पार्टी के वरिष्ठ नेता अखिलेश प्रसाद सिंह तथा सहयोगी अभय दूबे ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि जब प्रधानमंत्री और रेलमंत्री ने 12000 ट्रेनें चलाने की घोषणा की थी तो राहत की उम्मीद थी मगर असल में सिर्फ 1500 ट्रेनें ही चलाई गईं हैं।
अखिलेश सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार ने चुनाव के दौरान वोट बटोरने के लिए इतनी बड़ी संख्या में ट्रेनें चलाने का यह झूठ बोल लोगों की आस्था से खिलवाड़ किया है क्योंकि सब देख रहे कि कैसे लोग भारी भीड़ और मुश्किलों के बीच घर लौट रहे। उन्होंने कहा कि यह पहला मामला नहीं बल्कि पीएम मोदी और उनके सहयोगी नीतीश कुमार ने बिहार के लोगों को कई बार धोखा दिया है और यही वजह है कि बिहार आज हर मोर्चे पर पिछड़ कर सबसे निचले पायदान पर है।

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