Raghuram Rajan: 'अब जाग जाओ...', Trump टैरिफ पर पूर्व RBI गवर्नर की सरकार को चेतावनी; दिया ये सुझाव
Raghuram Rajan on Trump Tariff रघुराम राजन ने अमेरिकी टैरिफ को भारत के लिए एक चेतावनी बताया है। उन्होंने कहा कि व्यापार अब हथियार बन गया है और भारत को किसी एक देश पर अत्यधिक निर्भर नहीं रहना चाहिए। राजन ने रूसी तेल आयात पर भारत की नीति का पुनर्मूल्यांकन करने का सुझाव दिया है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय एक्सपोर्ट पर 50 फीसद टैरिफ लगा दिया है। इसके चलते कपड़ा, हीरा और झींगा कारोबार काफी प्रभावित होगा। अब भारत पर लगे इस टैरिफ को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर और मशहूर अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने 'बेहद चिंताजनक' बताया है।
रघुराम राजन ने दी ये चेतावनी
रघुराम राजन ने कहा कि भारत के लिए किसी एक व्यापारिक साझेदार पर अधिक निर्भर रहना ही आपदा के समान है और ये एक बड़ी चेतावनी है।
राजन ने चेतावनी दी कि आज की वैश्विक व्यवस्था में व्यापार, निवेश और वित्त को तेजी से हथियार बनाया जा रहा है और भारत को सावधानी से कदम उठाने चाहिए।
क्या बोले रघुराम राजन?
रघुराम राजन ने कहा कि व्यापार अब हथियार बन गया है। उन्होंने आगे कहा,
यह एक चेतावनी है। हमें किसी एक देश पर बहुत अधिक निर्भर नहीं होना चाहिए। हमें पूर्व की ओर, यूरोप की ओर, अफ्रीका की ओर देखना चाहिए और अमेरिका के साथ आगे बढ़ना चाहिए, लेकिन ऐसे सुधारों को लागू करना चाहिए जो हमें अपने युवाओं को रोजगार देने के लिए आवश्यक 8-8.5% की विकास दर हासिल करने में मदद करें।
बता दें कि बुधवार को लागू हुए वाशिंगटन द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है। इसमें भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद से जुड़ा 25 प्रतिशत अतिरिक्त जुर्माना भी शामिल है। हालांकि भारत को रूसी कच्चा तेल खरीदने के लिए ट्रंप सरकार द्वारा कठोर कर का सामना करना पड़ा है, तो वहीं रूसी तेल का सबसे बड़ा आयातक - चीन और यूरोप पर कोई बड़ा टैरिफ नहीं लगाया गया।
रूसी तेल आयात पर दिया सुझाव
पूर्व आरबीआई गवर्नर ने सुझाव दिया कि भारत रूसी तेल आयात पर अपनी नीति का पुनर्मूल्यांकन करें। हमें यह पूछना होगा कि किसे फायदा हो रहा है और किसे नुकसान। रिफाइनर अत्यधिक मुनाफा कमा रहे हैं, लेकिन निर्यातक टैरिफ के माध्यम से इसकी कीमत चुका रहे हैं। यदि लाभ बहुत अधिक नहीं है, तो शायद यह विचार करने योग्य है कि क्या हमें ये खरीदारी जारी रखनी चाहिए।
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