Quad Foreign Ministers: क्वाड ने कहा- यूक्रेन पर परमाणु युद्ध की धमकी स्वीकार नहीं, रूस और चीन पर साधा निशाना
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग व विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गठित अमेरिका भारत आस्ट्रेलिया और जापान के संगठन क्वाड ने शुक्रवार को एक सुर में च ...और पढ़ें

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग व विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गठित अमेरिका, भारत, आस्ट्रेलिया और जापान के संगठन क्वाड ने शुक्रवार को एक सुर में चीन और रूस को उनकी अपने-अपने भौगोलिक क्षेत्र में आक्रामक व्यवहार अपनाने पर कड़ा संदेश दिया है।
परमाणु युद्ध की धमकी स्वीकार्य नहीं
इन चारों देशों के विदेश मंत्रियों की नई दिल्ली में हुई बैठक के बाद जारी संयुक्त घोषणा-पत्र में कहा गया है कि यूक्रेन संकट का संयुक्त राष्ट्र के तत्वाधान में न्यायसंगत व स्थाई समाधान होना चाहिए। रूस का नाम लिये बगैर क्वाड देशों ने कहा है कि परमाणु युद्ध की धमकी स्वीकार्य नहीं है। रूस की तरफ से हाल के महीनों में कई बार परोक्ष तौर पर परमाणु युद्ध की धमकी दी गई है।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दोहराई अपनी प्रतिबद्धता
दूसरी तरफ, हिंद-प्रशांत क्षेत्र को पूरी तरह से खुला और सभी के लिए समान अवसर वाला बनाने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए इन देशों ने इस क्षेत्र में सकारात्मक एजेंडा लेकर आगे बढ़ने की बात कही है। लेकिन यह याद दिलाया है कि इस क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र के नियमों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करना होगा, ताकि सभी देशों संप्रभुता, राजनीतिक स्वतंत्रता और भौगोलिक अखंडता की रक्षा हो सके।
चीन अपना रहा है दूसरे देशों के प्रति आक्रामक व्यवहार
अगर संयुक्त राष्ट्र या अंतरराष्ट्रीय नियमों की मनमाने तौर पर किसी देश की तरफ से अनदेखी की जाती है तो इसके खिलाफ क्वाड देशों ने आपसी सहयोग को लेकर प्रतिबद्दता दिखाई है। कहने की जरूरत नहीं है कि यहां भी चीन का नाम नहीं लिया गया है लेकिन संकेत उसी की तरफ था। चीन हिंद प्रशांत क्षेत्र के कई हिस्सों में दूसरे देशों के प्रति आक्रामक व्यवहार अपना रहा है और अंतरराष्ट्रीय कानूनों को मानने से इनकार कर चुका है।
चीन को नागवार गुजरी है क्वाड की बैठक
क्वाड की यह बैठक चीन को काफी नागवार गुजरी है। चीन के विदेश मंत्रालय ने इसे विशिष्ट संगठन करार दिया है जो क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा नहीं देता है। क्वाड की यह बैठक विदेश मंत्री एस जयशंकर की अध्यक्षता में हुई। इसमें हिस्सा लेने के लिए जापान के विदेश मंत्री योशीमासा हयाशी खास तौर पर कुछ घंटों के लिए भारत आये थे।
अमेरिकी और आस्ट्रेलियाई की विदेश मंत्रियों ने लिया हिस्सा
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन और आस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी योंग ने भी इसमें हिस्सा लिया। इन चारों मंत्रियों ने क्वाड बैठक के ठीक बाद कूटनीति मामलों के सेमिनार रायसीना डायलग में हिस्सा लिया। वहां, इन चारों मंत्रियों ने कहा कि क्वाड ना तो किसी देश के खिलाफ है और ना ही यह सुरक्षा से जुड़ा कोई संगठन है।
आतंकवाद पर क्वाड कार्य दल का गठन
शुक्रवार की बैठक में क्वाड के चारों देशों ने आपस में और हिंद प्रशांत क्षेत्र के दूसरे देशों के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने को लेकर एक कार्य दल के गठन का ऐलान किया है। कार्य दल की पहली बैठक इसी साल अमेरिका में होगी। पहले से ही क्वाड के बीच आतंकवाद के खिलाफ साझा रणनीति बनाने की एक व्यवस्था है जिसकी अंतिम बैठक सितंबर, 2022 में हुई थी।
क्वाड ने आतंकवाद के बदलते स्वरूप के खिलाफ चौकसी बढ़ाने व सहयोग करने पर जोर दिया है। मुंबई हमले और पठानकोट हमले जैसे आतंकवादी घटनाओं की निंदा करते हुए दूसरे देशों में आतंकवादी भेजने जैसी गतिविधियों व आतंकी संगठनों को वित्त व दूसरी मदद देने की भर्त्सना करते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की है।
सामुद्रिक सुरक्षा पर कार्य दल का गठन
क्वाड के विदेश मंत्री इस बात से इनकार करते हैं कि यह संगठन सुरक्षा से जुड़े विषयों को तवज्जो देता है लेकिन शुक्रवार को जारी संयुक्त बयान में बताया गया है कि सामुद्रिक सुरक्षा को प्रगाढ़ करने के लिए एक कार्य दल का गठन किया गया है जिसकी पहली बैठक मार्च, 2023 में होने जा रही है। यह कार्य दल गैर-कानूनी तरीके से मछली मारने को रोकने, सामुद्रिक क्षेत्रों में सभी देशों को जहाजों व विमानों की सेवाओं को लेकर आजादी देने व समुद्र में बिछाये गये संचार लाइनों की सुरक्षित रखने पर काम करेगा।

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