Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पीएम मोदी और अमीर की एक मुलाकात ने कर दिया काम, फांसी की सजा से कैसे बचे आठ पूर्व नौसैनिक? पढ़ें इनसाइड स्टोरी

    Updated: Fri, 29 Dec 2023 09:32 AM (IST)

    Qatar Navy Officer News कतर की एक अपीलीय अदालत ने सजायाफ्ता पूर्व नौसैनिक अधिकारियों की तरफ से दायर मामले में सुनवाई करते हुए सभी की फांसी की सजा को घटाने का निर्देश दिया है। विदेश मंत्रालय ने इसे बड़ी जीत बताते हुए कहा कि वो अब भी इन भारतीयों के साथ खड़े हैं और कानूनी सलाहकारों के साथ मिल कर आगे की कार्यवाही पर विचार करेगा।

    Hero Image
    Qatar Navy Officer News कतर में पूर्व सैनिकों की फांसी की सजा पर रोक।

    जागरण डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Qatar Navy Officer News कतर में 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों की फांसी की सजा पर रोक लग गई है। फांसी पर रोक को भारत की कूटनीति की बड़ी जीत माना जा रहा है। इसी के साथ इन सभी की भारत वापसी की उम्मीदें बढ़ गई हैं। इस फैसले के पीछे पीएम मोदी और कतर के शासक शेख की मुलाकात को भी बताया जा रहा है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दरअसल, कतर की एक अपीलीय अदालत ने सजायाफ्ता पूर्व नौसैनिक अधिकारियों की तरफ से दायर मामले में सुनवाई करते हुए सभी की फांसी की सजा को घटाने का निर्देश दिया है। विदेश मंत्रालय ने इसे बड़ी जीत बताते हुए कहा कि वो अब भी इन भारतीयों के साथ खड़े हैं और कानूनी सलाहकारों के साथ मिल कर आगे की कार्यवाही पर विचार करेगा। 

    पीएम मोदी की एक मुलाकात ने कर दिया कमाल

    कतर (Qatar Navy Officer News) की अदालत द्वारा 8 भारतीयों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद से ही भारत सरकार ने अपने स्तर पर उन्हें बचाने की कोशिशें शुरू कर दी थी। इस बीच पीएम मोदी भी पर्दे के पीछे से इस मामले पर नजर बनाए हुए थे। 

    पूर्व सैनिकों को सजा मिलने के बाद 1 दिसंबर को पर्यावरण सुरक्षा सम्मेलन (दुबई) से इतर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम से मुलाकात की थी। माना जाता है कि इस संक्षिप्त मुलाकात में भारतीय पीएम ने इन अधिकारियों के मामले को उठाया था। समझा जाता है कि इस मुलाकात का काफी असर रहा, जिसके बाद कतर का रुख भी नरम हुआ।

    राजदूत को मिलने की दी गई इजाजत

    इसके बाद 3 दिसंबर को दोहा स्थित भारतीय राजदूत को पूर्व नौसैनिकों से मिलने की इजाजत दी गई और दूसरी अदालत में फैसले के विरोध के बाद कल फांसी पर रोक लग गई।

    अब भी हैं कई विकल्प

    इन सभी अधिकारियों को अलग-अलग कैद की सजा सुनाई गई है। लेकिन इस सजा को भी आगे चुनौती देने का विकल्प है। साथ ही इनके परिवार की तरफ से कतर के अमीर के पास कैद की सजा को माफ करने की अपील का भी अधिकार होगा। लेकिन यह एक वर्ष बाद ही हो सकता है।

    इस बीच भारत और कतर के बीच सजायाफ्ता कैदियों को एक दूसरे देश में स्थानांतरित करने का भी समझौता हुआ है। इसके तहत इन्हें एक निश्चित अंतराल के बाद शेष कैद की सजा काटने के लिए भारत भी भेजा सकता है। लेकिन इन मुद्दों पर फैसला अपीलीय न्यायालय के फैसले का विस्तार से अध्ययन के बाद ही किया जाएगा।

    जासूसी के आरोप में दी गई थी फांसी

    दोहा स्थित अल-दाहरा ग्लोबल टेक्नोलाजी में कार्यरत भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को कतर में गिरफ्तार किया गया था। इस बारे में कतर के कुछ समाचार पत्रों में यह खबर प्रकाशित की गई थी कि इन पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप है।

    अल-दाहरा ग्लोबल टेक्नोलाजी कतर की नौसेना के लिए ठेका पर काम कर रही थी। इस कंपनी को अब बंद कर दिया गया है। इन्हें 26 अक्टूबर, 2023 को कतर के एक न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई थी।

    इन नौसैनिक अधिकारियों में राष्ट्रपति से स्वर्ण पदक विजेता कैप्टन नवतेज गिल के अलावा कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पुर्णेंदु तिवारी, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर एसके गुप्ता, कमांडर बीके वर्मा, कमांडर सुगुनकर पाकला और रागेश शामिल हैं।