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    Qatar में फांसी की सजा पाने वाले 8 भारतीयों के परिवारों से मिले जयशंकर, रिहाई के लिए हर संभव कदम उठाने की कही बात

    By AgencyEdited By: Mahen Khanna
    Updated: Mon, 30 Oct 2023 10:18 AM (IST)

    Jaishankar in Qatar जयशंकर ने कहा कि परिवारों की चिंताओं और दर्द को मैं पूरी तरह महसूस करता हूं। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करना जारी रखेगी। इस संबंध में परिवारों के साथ निकटता से समन्वय भी करेगी। कतर की एक अदालत ने 8 पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई है।

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    Jaishankar in Qatar कतर में भारतीय परिवारों से मिले जयशंकर।

    एजेंसी, नई दिल्ली। Jaishankar in Qatar विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कतर में फांसी की सजा पाने वाले 8 भारतीयों के परिवारों से मुलाकात की। जयशंकर ने मुलाकात के दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि भारत सरकार मामले को सर्वोच्च महत्व दे रही है और सभी भारतीयों की सजा रोकने के लिए तेजी से काम कर रही है।

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    रिहाई का दिया आश्वासन

    बातचीत के दौरान जयशंकर (Qatar news Indian Navy) ने कहा कि परिवारों की चिंताओं और दर्द को मैं पूरी तरह महसूस करता हूं। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करना जारी रखेगी। इस संबंध में परिवारों के साथ निकटता से समन्वय भी करेगी।

    यह भी पढ़ें- Qatar News: आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों को मृत्युदंड से ऐसे बचा सकती है सरकार, एडवोकेट की जुबानी जानें क्या है विकल्प

    पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को मिली फांसी की सजा

    बता दें कि कतर की एक अदालत ने 8 पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई है। कतर का कहना है कि ये सभी लोग कतर की जासूसी कर देश को खतरा पहुंचा रहे थे।

    ये आरोप लगे हैं

    आठों पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को बीते साल हिरासत में लिया गया था। इनपर देश की जासूसी करने का आरोप लगाया गया था। इन भारतीयों पर इजरायल के लिए कतर के सबमरीन प्रोजेक्ट की गुप्त जानकारी चुराने का आरोप लगा है।

    विदेश मंत्रालय ने कही ये बात

    कतर की अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद विदेश मंत्रालय ने इस फैसले पर हैरानी और एतराज जताया था। मंत्रालय ने कहा कि वो इस फैसले से स्तब्ध है और कानूनी विकल्प तलाश रही है। 

    बता दें कि ये सभी लोग अपनी रिटायरमेंट के बाद दोहा की एक कंपनी में काम करते थे, जिसके काम से वो कतर गए थे। 

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