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    मानसून से पहले PWD विभाग ने अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश, खतरनाक हैं राजधानी के ये 6 अंडरपास

    दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी ने मानसून में अंडरपास में जलभराव रोकने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। अब छह इंच से अधिक पानी होने पर अंडरपास में वाहनों और पैदल यात्रियों का आवागमन रोक दिया जाएगा। पिछले अनुभवों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है, जहाँ बसें तक डूब चुकी हैं और लोगों की जान भी गई है। डीटीसी भी अपने कर्मचारियों को जलभराव वाले अंडरपास पर तैनात करेगी ताकि बसों को वैकल्पिक मार्गों से भेजा जा सके। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।

    By Jagran News NetworkEdited By: Kapil Kumar Updated: Mon, 23 Jun 2025 11:04 AM (IST)
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    बारिश से जखीरा अंडरपास में हुए जलभराव में फंसा ट्रक। फोटो- जागरण

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। मानसून के दौरान वाहनों को अंडरपास में फंसने से बचाने के लिए दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने अपने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि अगर जलस्तर छह इंच से ऊपर चला जाए तो बसें ही नहीं, कोई भी वाहन अंडरपास से न गुजरे, यहां तक कि पैदल यात्रियों को भी आवागमन से रोक दिया जाए।

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    पिछले सालों के अनुभवों को देखते हुए पीडब्ल्यूडी ने इस बार सख्ती से आदेश का पालन करने के निर्देश दिए हैं। क्योंकि पिछले सालों में तमाम दावों के बाद भी अंडरपास में बसें तक डूब चुकी हैं। वहीं इस मुद्दे को लेकर डीटीसी भी सक्रिय हो गई है, डीटीसी ने भी मानसून के दौरान अधिक जलभराव वाले अंडरपास पर अपने कर्मचारियों को लगाने का फैसला लिया है, डीटीसी के ये कर्मचारी वर्षा के दौरान वहां तैनात रहेंगे और अपनी बसों को अंडरपास से ना गुजार कर वैकल्पिक मार्गों से गुजारने के लिए कहेंगे।

    वर्षा के दौरान छह अंडरपास बसों के लिए भी खतरनाक हैं। दिल्ली में जलभराव की बात करें तो मानसून के दौरान हर तरह से समस्या है, अंडरपास की बात करें तो हालात ऐसे हैं कि जो अंडरपास यातायात सुगम करने के लिए बनाए गए हैं, ये मानसून के दौरान वर्षा होने पर परेशानी भी बढ़ाते हैं। कारण पानी रुकने पर इनमें भयंकर जलभराव होता रहा है। यहां तक कि पिछले सालों में कुछ लोगों की यहां डूब कर मौत भी हो चुकी है।

    मानसून के दौरान वर्षा से होने वाले नुकसान की बात करें तो कई बार ऐसा हुआ है कि तेज वर्षा के दौरान एकाएक इन अंडरपास में इतना पानी आ गया कि अचानक जलभराव होने से यहां कई वाहन डूब गए और उनके इंजन खराब हो गए और लोगों का लाखों का नुकसान हुआ है। यहां तक कि कई बार बसें तक इनमें डूब गई हैं।

    वहीं, आदेश की अनदेखी पर नपेंगे अधिकारी और कर्मचारी इन्हीं सब समस्याओं को देखते हुए पिछले सालों से सरकार यह निर्देश देती रही है कि जलभराव के दौरान इनका उपयोग नहीं किया जाए। मगर फिर भी इनके अंदर से वाहन गुजरते रहे और बसें तक इनके अंदर फंस गईं। अब इस साल सरकार ने सख्त आदेश जारी किया है कि अंडरपास में छह इंच भी पानी जमा हो जाता है तो यातायात बंद कर दिया जाएगा।

     

    इसके साथ ही यह भी कहा है कि अगर अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही मिलती तो उन पर कार्रवाई भी होगी। यानी लोक निर्माण विभाग वर्षा के दौरान होने वाले जलभराव के समय यात्रा संचालक को रोकने में विफल रहता है तो संबंधित कर्मचारियों अधिकारियों को भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा और उनका कार्रवाई होगी। छह इंच पानी भरने पर बंद होगा यातायात इस बार लोक निर्माण विभाग ने साफ तौर पर मन बना लिया है कि किसी भी अंडरपास में छह इंच पानी होने पर यातायात के लिए इसे प्रयोग में नहीं लाया जाएगा और वर्षा के दौरान हर अंडरपास पर कम से कम चार कर्मचारी तैनात रहेंगे जो जलभराव होने पर लोगों और वाहनों का आवागमन रोकेंगे।

    यह कार्य यातायात पुलिस के साथ मिलकर किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग ने इसके लिए एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) जारी की है। अब देखना यह भी होगा कि इस बार आदेश का ठीक से पालन होता है या फिर आदेश केवल रश्मअदायगी ही बनते हैं। छह अंडरपास बढ़ाते हैं परेशानी दिल्ली की बात करें तो यहां का मिंटो ब्रिज अंडरपास, पुलप्रहलादपुर अंडरपास, आजादपुर अंडरपास, मुंडका अंडरपास,जखीरा रेलवे अंडरपास, किशनगंज अंडरपास के नाम भी इसी सूची में शामिल हैं। हर बार मानसून के दौरान यहां भयंकर जलभराव होता है।

    अंडरपास पर तैनात रहेंगे डीटीसी के कर्मचारी

    उधर, डीटीसी ने भी अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए हैं कि मानसून के दौरान वर्षा होने पर अंडरपास से उनकी बसें नहीं गुजरें। इसके लिए डीटीसी जल्द ही रूट परिवर्तन करने जा रही है। इसके साथ ही मानसून के दौरान वर्षा होने पर उनके कर्मचारी भी अंडरपास पर तैनात रहेंगे जो उधर से आने वाली बसों को डाइवर्ट करेंगे और वैकल्पिक रूट पर भेजेंगे।