वर्ष 2070 से पहले हासिल कर लेंगे नेट जीरो लक्ष्य, देश के ऊर्जा क्षेत्र में 250 अरब डॉलर का होगा निवेश: पुरी
ऊर्जा प्रौद्योगिकी सम्मेलन को संबोधित करते हुए पुरी ने कहा कि भारत ऊर्जा क्षेत्र में दुनिया भर की कंपनियों के लिए सबसे आकर्षक निवेश स्थल के तौर पर स्थापित हो रहा है और यहां वर्ष 2030 तक 250 अरब डॉलर का निवेश सिर्फ तेल व गैस क्षेत्र में होने की संभावना है। पुरी ने कहा कि भारत ने नेट जीरो की तरफ आगे बढ़ रहा है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पर्यावरण में प्रदूषण कम करने का लक्ष्य यानी नेट जीरो वैसे तो सरकार ने वर्ष 2070 तक हासिल करने की घोषणा की है लेकिन पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संकेत दिया है कि यह लक्ष्य निर्धारित अवधि से पहले ही पूरा कर लिया जाएगा।
जो लक्ष्य तय किया गया है वह थोड़ा लंबा है: पुरी
ऊर्जा प्रौद्योगिकी सम्मेलन को संबोधित करते हुए पुरी ने कहा कि भारत ऊर्जा क्षेत्र में दुनिया भर की कंपनियों के लिए सबसे आकर्षक निवेश स्थल के तौर पर स्थापित हो रहा है और यहां वर्ष 2030 तक 250 अरब डॉलर का निवेश सिर्फ तेल व गैस क्षेत्र में होने की संभावना है। पुरी ने कहा कि भारत ने नेट जीरो की तरफ आगे बढ़ रहा है लेकिन मेरा मानना है कि जो लक्ष्य तय किया गया है वह थोड़ा लंबा है।
पुरी बोले- भारत दो चरणों में इस लक्ष्य का हासिल करेगा
भारत की प्रमुख ऊर्जा कंपनियों जैसे गेल, बीपीसीएल तो वर्ष 2035 से वर्ष 2040 के बीच ही नेट जीरो का लक्ष्य हासिल कर लेंगी। भारत दो चरणों में इस लक्ष्य का हासिल करेगा। पहले पारंपरिक इंधनों से स्वच्छ ईंधन की तरफ बढ़ा जाएगा और उसके बाद रिनीवेबल इनर्जी को अपनाया जाएगा। मौजूदा इजरायल-फिलीस्तीन संकट के बारे में उन्होंने कहा कि इससे ऊर्जा उपयोग में बदलाव तेजी से होगा और बायोफ्यूल, रिनीवेबल आदि के इस्तेमाल की लोकप्रियता भी बढ़ेगी।
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ऊर्जा उपभोग के मामले में भारत एक खास स्थिति में है : पुरी
पुरी ने आगे कहा कि भारत ऊर्जा उपभोग के मामले में एक बहुत ही खास स्थिति में है। अगले दो दशकों के दौरान दुनिया में जितनी अतिरिक्त ऊर्जा की मांग निकलेगी उसमें से 25 फीसद अकेले भारत में निकलेगा। भारत आज कच्चे तेल व एलपीजी का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है, एलएनजी का चौथा सबसे बड़ा आयातक है, चौथा सबसे बड़ी रिफाइनरी क्षमता वाला देश है। यहीं वजह है कि यहां सबसे ज्यादा निवेश भी होगा।
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