संसद पहुंचा इस नेशनल हाईवे के धंसने का मामला, कमेटी ने पेश की रिपोर्ट; जानिए क्या कहा
NH 66 Collapse Report केरल में मानसून के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग 66 के धंसने की घटना के बाद लोक लेखा समिति ने संसद में रिपोर्ट पेश की है। रिपोर्ट के अनुसार हाईवे के पुनर्निर्माण का काम स्वीकृत लागत से आधी कीमत पर दिया गया। कमेटी ने सड़क परिवहन मंत्रालय का हवाला देते हुए कहा कि सड़क से जुड़े प्रोजेक्ट सब-कॉन्ट्रैक्टर्स को दिए जा रहे थे जिनकी जवाबदेही कम थी।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मानसून की एंट्री के बाद केरल में मूसलाधार बारिश के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग 66 (NH 66 Collapsed) धंस गया था। इस घटना से पूरे देश में हड़कंप मच गया था। वहीं, अब लोक लेखा समिति (Public Account Committee) ने इससे जुड़े कुछ आंकड़े संसद में पेश किए हैं।
लोक लेखा कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, हाईवे के पुनर्निर्माण का काम स्वीकृत लागत (Sanctioned Cost) से आधी कीमत पर दिया गया है।
कमेटी की रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार, मल्लापुरम, कन्नूर और कासरगोड में चौड़ीकरण का काम स्वीकृत लगात से 54 प्रतिशत पर दिया गया है। वहीं, कदम्बट्टुकोणम और कझाकुट्टम के बीच पुनर्निर्माण का काम 22 प्रतिशत पर दिया गया है। कमेटी ने सड़क परिवहन एंव राजमार्ग (MoRTH) का हवाला देते हुए कहा कि सड़क से जुड़े प्रोजेक्ट सब कॉन्ट्रैक्टर्स को दिए जा रहे थे, जिनकी जवाबदेही न के बराबर थी।
क्या है वजह?
लोक लेखा कमेटी ने संसद में बताया कि अस्थायी मिट्टी पर बने कई हाईवे पर ऊंचे तटबंध नहीं बनाए गए हैं। वहीं, भूमि अधिग्रहण से जुड़ी चुनौतियों के कारण हाईवे का निर्माण सही तरह से नहीं हो सका, जिससे असुरक्षा की स्थिति बनी हुई है।
कमेटी ने दिया सुझाव
कमेटी ने संसद में सुझाव दिया है कि इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए निर्माण कार्य से पहले उस इलाके के सांसदों, विधायकों समेत शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकायों, आपदा प्रबंधन अधिकारियों से सलाह लेना उचित होगा।
कब हुआ था हादसा?
NH 66 केरल के कन्याकुमारी को महाराष्ट्र से जोड़ता है। 19 मई को हाईवे का एक हिस्सा बुरी तरह से जमीन में धंस गया था, जिससे सड़क पर एक बड़ा गड्ढा बन गया था। वहीं, मिट्टी धंसने की वजह से पूरी सड़क नीचे आ गई थी।
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