बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर देशभर में आक्रोश, विहिप और बजरंग दल ने किया प्रदर्शन
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में भारत में आक्रोश बढ़ रहा है। विहिप और बजरंग दल ने दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, भोपाल और हैदराबाद में प्रदर्श ...और पढ़ें

मंगलवार को देशभर में जनाक्रोश भड़क उठा (फोटो: एएनआई)
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के शासनकाल में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और मयमनसिंह में कपड़ा कारखाने के मजदूर दीपू चंद्र दास की निर्मम हत्या के विरोध में मंगलवार को देशभर में जनाक्रोश भड़क उठा। दिल्ली से लेकर कोलकाता, मुंबई, भोपाल और हैदराबाद तक सड़कों पर जनता का गुस्सा देखा गया।
विहिप और बजरंग दल ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले की निंदा करते हुए देशभर में प्रदर्शन किया। दूसरी तरफ, बांग्लादेश के रवैये में कोई बदलाव नहीं आया है। हिंदुओं पर हमले को लेकर उसने चुप्पी साध रखी है। इतना ही नहीं, दिल्ली स्थित अपने उच्चायोग की सुरक्षा को लेकर उसने ढाका में भारतीय उच्चायुक्त को तलब कर लिया।
विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ता हुए एकत्रित
विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ता दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग और बंगाल तथा अन्य राज्यों में स्थित मिशन के बाहर बड़ी संख्या में एकत्रित हुए। उन्होंने पिछले सप्ताह उग्र भीड़ द्वारा दीपू दास की बेरहमी से पीट-पीट कर हत्या किए जाने के विरोध में प्रदर्शन किया। बताते चलें, एक कपड़ा फैक्ट्री में काम करने वाले 25 वर्षीय दीपू दास को उन्मादी भीड़ ने सड़कों पर घसीटा और बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला।
फिर उसके बेजान शरीर को एक पेड़ से बांधकर आग लगा दी। आइएएनएस के अनुसार, दिल्ली में सैकड़ों प्रदर्शनकारी बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर जमा हुए, नारे लगाए और दीपू दास पर हुए अत्याचार की निंदा की। भगवा झंडे लहराते हुए और यूनुस शासन के खिलाफ नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारी राजनयिक परिसर की ओर बढ़े, बैरिकेड्स तोड़ दिए और दीपू दास के लिए न्याय की मांग की। कई प्रदर्शनकारियों ने बैनर और तख्तियां लहराईं और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस का पुतला भी जलाया।
बर्बरतापूर्ण कृत्य के विरोध में इकट्ठा हुए
पश्चिम बंगाल में विभिन्न हिंदू संगठनों के सैकड़ों प्रदर्शनकारी बांग्लादेश के उप उच्चायोग के बाहर बर्बरतापूर्ण कृत्य के विरोध में इकट्ठा हुए। विहिप, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, हिंदू जागरण मंच और बंगीय हिंदू जागरण के सदस्य कोलकाता स्थित उच्चायोग की ओर बढ़े, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई। उन्होंने उप उच्चायोग को ज्ञापन सौंपने पर जोर दिया, जबकि पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया।
प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसके चलते कई लोग घायल हो गए। प्रेट्र के अनुसार, विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मुंबई में बांग्लादेश के उप उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन किया। बृहन्मुंबई नगर निगम के बाहर भी इसी तरह का प्रदर्शन किया गया। भगवा झंडे और 'हिंदुओं को बचाओ' का नारा लिखे बैनर लिए हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता कफ परेड स्थित बांग्लादेश के उप उच्चायोग के बाहर जमा हुए और नारेबाजी की।
हत्या करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में स्थानांतरित कर दिया। मध्य प्रदेश में विहिप कार्यकर्ताओं ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ मार्च निकाला और मांग की कि यूनुस सरकार दीपू दास की बेरहमी से हत्या करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे। भोपाल की सड़कों पर 'विरोध आक्रोश प्रदर्शन' करते हुए उन्होंने 'जिहादी ताकतों' का पुतला जलाया।
जम्मू-कश्मीर में डोगरा समुदाय के सदस्यों ने मोहम्मद यूनुस के पोस्टर पर जूतों की माला चढ़ाई और नारे लगाए। हैदराबाद में प्रदर्शनकारियों ने दीपू दास के हत्यारों की पहचान कर उन्हें जल्द से जल्द सजा देने की मांग की।इस बीच, अपने देश में आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को संभालने में पूरी तरह से असफल रहने वाली मोहम्मद युनुस की अंतरिम सरकार कट्टरपंथी छात्र नेताओं को रिझाने के लिए भारत विरोधी रवैये को और हवा देने में जुटी है।
यही कारण है कि मंगलवार को बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया और उनके समक्ष भारत में बांग्लादेशी उच्चायोग और वीजा केंद्रों के बाहर हुए प्रदर्शनों और कथित तोड़फोड़ की घटनाओं को उठाया। साथ ही भारत से अपने दूतावासों व वीजा केंद्रों की बेहतर सुरक्षा की मांग की। यह कदम युनुस सरकार ने तब उठाया जब सोमवार और मंगलवार को नई दिल्ली स्थित बांग्लादेशी उच्चायोग के समक्ष कुछ दर्जन भर लोगों के समूह ने प्रदर्शन करने की कोशिश की, तो सुरक्षा बलों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन पर काबू पा लिया।
उस्मान हादी की हत्या के बाद और बढ़ा तनाव
जागरण ब्यूरो के अनुसार, छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या के बाद से भारत और बांग्लादेश के पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों में और ज्यादा तनाव आ चुका है। भारत के खिलाफ लगातार अफवाह फैलाए जा रहे हैं और इसकी आड़ में छात्र नेताओं की तरफ से राजनीति चमकाने की कोशिश की जा रही है। अंतरिम सरकार ने 12 फरवरी, 2026 को आम चुनाव कराने की योजना बनाई है।
बांग्लादेश के खराब होते हालात व भारत के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को इससे ही जोड़ कर देखा जा रहा है। भारत ने हालात को देखते हुए अपने उच्चायोग की सेवाओं को काफी सीमित कर दिया है। इसके जवाब में बांग्लादेश ने दिल्ली और अगरतला में वीजा सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।