'वैवाहिक दुष्कर्म के खिलाफ देश में उचित कानून बेहद जरूरी', शशि थरूर बोले- इसे गंभीरता से ले सरकार
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि वह इस बात से हैरान हैं कि कड़े दुष्कर्म विरोधी कानून होने के बावजूद भारत उन कुछ लोकतंत्रिक देशों में से एक ...और पढ़ें

'वैवाहिक दुष्कर्म के खिलाफ देश में उचित कानून बेहद जरूरी', शशि थरूर (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि वह इस बात से हैरान हैं कि कड़े दुष्कर्म विरोधी कानून होने के बावजूद भारत उन कुछ लोकतंत्रिक देशों में से एक है, जहां वैवाहिक दुष्कर्म को उतनी गंभीरता से नहीं देखा जाता, जितनी गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
कोलकाता में गुरुवार को प्रभा खेतान फाउंडेशन और फिक्की लेडीज आर्गनाइजेशन के सहयोग से आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भारत में मजबूत दुष्कर्म विरोधी कानून है, लेकिन पतियों के लिए अपवाद भी हैं। उन्होंने सवाल किया कि उन्हें (पतियों को) छूट क्यों दी जानी चाहिए?
उन्होंने कहा कि अगर कोई अपने जीवनसाथी का सम्मान नहीं करता है और वैवाहिक संबंधों का हवाला देकर उसकी इच्छा के विरुद्ध उसके साथ दुष्कर्म करता है तो यह कानून का उल्लंघन है। यह महिलाओं के खिलाफ हिंसा है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा प्रविधान एक पुरानी धारणा पर आधारित है कि विवाह एक पवित्र संस्कार है और इसके भीतर जो कुछ भी होता है, उसे अन्यथा वर्गीकृत नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि वैवाहिक दुष्कर्म के खिलाफ एक उचित कानून देश में बेहद जरूरी है। हालांकि, यह दुखद है कि विशेष मंत्रालय संभालने वाली महिला मंत्रियों ने भी इस तरह के अत्याचारों को रोकने के लिए इस पहलू पर ध्यान नहीं दिया।

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