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    मातृभाषा के अलावा एक और भारतीय भाषा सीखने पर जोर, उच्च शिक्षण संस्थानों की नई मुहीम

    By Arvind PandayEdited By: Garima Singh
    Updated: Thu, 04 Dec 2025 08:06 PM (IST)

    शिक्षा मंत्रालय ने उच्च शिक्षण संस्थानों में भारतीय भाषाओं के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए एक नई पहल की है। छात्रों और नौकरी कर रहे लोगों को अपनी मातृभाषा ...और पढ़ें

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    मातृभाषा के साथ एक और भाषा

    अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। स्कूलों में पांचवीं कक्षा तक बच्चों को अनिवार्य रूप से मातृभाषा में पढ़ाने की पहल के बाद शिक्षा मंत्रालय ने अब उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले या पढ़ाई पूरी कर नौकरी व व्यवसाय कर रहे लोगों में भारतीय भाषाओं के प्रति जुडाव को बढ़ाने के लिए एक और नया अभियान छेड़ा है।

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    जिसमें लोगों को मातृभाषा या जिस भाषा में पढ़ाई कर रहे है के अतिरिक्त एक और भारतीय भाषा सीखने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा है। संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी 22 भारतीय भाषाओं को इनमें रखा गया है।

    मातृभाषा के साथ एक और भाषा

    भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) और शिक्षा मंत्रालय की पहल के बाद यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ) ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को 'सीखें एक और भारतीय भाषा' मुहिम को आगे बढ़ाने व अमल को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया है।

    इनमें सभी विश्वविद्यालयों व कालेजों के साथ तकनीकी और प्रबंधन संस्थानों को भी इससे जुड़ने के लिए कहा है। साथ ही कहा है कि जो भी उच्च शिक्षण संस्थान इस मुहिम से जुड़ेंगे, उन्हें नैक और एफआईआरएफ की रैकिंग में अलग से वरीयता दी जाएगी।

    उच्च शिक्षण संस्थानों की नई मुहीम

    यूजीसी ने इसे लेकर सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से अपनी जरूरत और रोजगार के अवसरों के आधार पर योग्यता संवर्धन, क्रेडिट व आडिट जैसे पाठ्यक्रमों को डिजाइन करने को कहा है। यहां आडिट कोर्स का मतलब सिर्फ सीखना-समझना है। यूजीसी ने उच्च शिक्षण संस्थानों से इन कोर्सों को आनलाइन और आफलाइन दोनों तरीके से संचालित करने को कहा है।

    साथ ही इनमें प्रवेश लेने वालों को कभी भी एंट्री-एक्जिट का विकल्प देने का कहा है। वहीं इन कोर्सों में 12 वीं पास करने के बाद ही छात्रों या अन्य लोगों को दाखिला देने का सुझाव दिया है। इसके साथ ही उच्च शिक्षण संस्थानों से कहा है कि वह अपने यहां होने वाले प्लेसमेंट भी ऐसे छात्रों को प्राथमिकता दें।

    मंत्रालय की मानना है कि इस पहल देश में लोगों के बीच सांस्कृतिक और कारोबारी जुड़ाव और ज्यादा मजबूत होगा। यूजीसी ने उच्च शिक्षण संस्थानों से नए शैक्षणिक सत्र यानी 2026-27 से ज्यादा से ज्यादा भारतीय भाषाओं से जुड़े कोर्सों को शुरू करने को कहा है।

    यह भी की गई सिफारिश

    एक से अधिक भारतीय भाषाओं को सीखने वालों को भाषा बंधु, लिपि गौरव, भाषा दूत, भाष मित्र व भाषा प्रेरक जैसी उपाधियों से सम्मानित किया जाए। पांच या उससे अधिक भारतीय भाषाओं को सीखने वालों को 11 दिसंबर को हर साल आयोजित होने वाले भारतीय भाषा उत्सव में सम्मानित किया जाए।

    शिक्षक दिवस ऐसे शिक्षकों को भी सम्मानित किया जाए, तो भारतीय भाषाओं को पढ़ाने वाले हो। सभी उच्च शिक्षण संस्थानों अलग-अलग भारतीय भाषाओं के ट्रेनर तैयार करें। और दूसरे संस्थानों की भी मेंट¨रग करें। -एआइसीटीई के इंटर्नशिप व कैरियर पोर्टल के जरिए ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें प्रोत्साहित किया जाए।