Move to Jagran APP

क्या है भारतीय सेना का 'प्रोजेक्ट उद्भव'? पिछले साल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया था लॉन्च; सेना प्रमुख ने बताई बड़ी वजह

Project Udbhav सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि प्रोजेक्ट उद्भव की मदद से भारतीय सेना को महाभारत के युद्धों मशहूर सैन्य हस्तियों के वीरतापूर्ण कारनामों और शासन कला में भारत की समृद्ध विरासत को गहराई से पड़ताल करने में मदद मिल रही है। प्राचीन ग्रंथों के गूढ़ रहस्यों को एक बड़े स्तर पर समझने और इसे सेना में प्रयोग करने के लिहाज से प्रोजेक्ट उद्भव शुरू किया गया।

By Agency Edited By: Sonu Gupta Published: Tue, 21 May 2024 07:21 PM (IST)Updated: Tue, 21 May 2024 07:21 PM (IST)
युद्ध के प्राचीन कौशल को भावी रणनीतियों में ढालेगी सेना। फाइल फोटो।

पीटीआई, नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि प्राचीन भारतीय बुद्धिमत्ता पांच हजार साल पुरानी सभ्यता की विरासत है। लिहाजा सेना के 'प्रोजेक्ट उद्भव' का मकसद प्राचीन ज्ञान को आधुनिक सैन्य शिक्षा शास्त्र का हिस्सा बनाना है।

प्रोजेक्ट उद्भव पर क्या बोले सेना प्रमुख?

जनरल पांडे ने कहा कि 'प्रोजेक्ट उद्भव' की मदद से भारतीय सेना को महाभारत के युद्धों, मशहूर सैन्य हस्तियों के वीरतापूर्ण कारनामों और शासन कला में भारत की समृद्ध विरासत को गहराई से पड़ताल करने में मदद मिल रही है। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने 'हिस्टोरिकल पैटर्न इन इंडियन स्ट्रैटिजिक कल्चर' सम्मेलन में मंगलवार को यह टिप्पणी करते हुए इसका श्रेय 'प्रोजेक्ट उद्भव' को दिया है। पिछले साल 21 अक्टूबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लांच किया था।

युद्ध कौशल को और धारदार करेगी भारतीय सेना

प्राचीन ग्रंथों के गूढ़ रहस्यों को एक बड़े स्तर पर समझने और इसे सेना में प्रयोग करने के लिहाज से 'प्रोजेक्ट उद्भव' शुरू किया गया। इस परियोजना के तहत भारतीय समृद्ध सैन्य विरासत वाले महाभारत के महाकाव्य युद्धों, मौर्य, गुप्त वंश और मराठाओं के शौर्य के अध्ययन से भारतीय सेना अपने युद्ध कौशल को और धारदार करेगी। मशहूर सैन्य हस्तियों के वीरतापूर्ण कारनामों और शासन कला में भारत की समृद्ध विरासत को गहराई से पड़ताल करने में सेना को मदद मिल रही है।

सभी अफसर और जवान को लेना होगा ट्रेनिंग

प्रोजेक्ट उद्भव के तहत प्राचीन ज्ञान को आधुनिक सैन्य शिक्षा शास्त्र का हिस्सा बनाने के उद्देश्य से सेना ने एक पुस्तिका तैयार की है। पुस्तिका का नाम परंपरागत रखा गया है। इसमें शामिल सभी जानकारियां प्राचीन ग्रंथों से ली गई हैं। माना जाता है कि भारतीय संस्कृति, विरासत, सैन्य इतिहास, कूटनीति, रणनीति में भारत के पास अद्भुत खजाना छिपा हुआ है। इन सभी के बारे में जानने समझने के बाद ट्रेनिंग के दौरान क्लास रूम से लेकर फील्ड तक में लागू किया जाएगा। यह सभी अफसर और जवान की ट्रेनिंग का हिस्सा बनेगा।

राष्ट्रीय संस्कृति और पहचान का अभिन्न अंग

जनरल मनोज पांडे ने कहा है कि मुझे विश्वास है कि 'उद्भव प्रोजेक्ट' की वजह से देश के ऐतिहासिक विरासत को समझ कर भारतीय सशस्त्र बल भविष्य के लिए तैयार रहने में हमेशा आगे रहेंगे। सेना प्रमुख ने भारतीय सशस्त्र बलों के इतिहास और विरासत के उत्सव की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि यह देखकर खुशी हो रही है कि सशस्त्र बलों के इतिहास और विरासत को हमारी राष्ट्रीय संस्कृति और पहचान के अभिन्न अंग के रूप में मनाया जा रहा है। 

यह भी पढ़ेंः 

UK Visa Policy: ग्रेजुएट रूट वीजा पर पीएम सुनक को डायरेक्ट पत्र, भारतीयों को लेकर कही ये बड़ी बात

Pakistan: पंजाब विधानसभा ने पारित किया मानहानि विधेयक, विपक्ष के साथ पत्रकारों ने भी किया विरोध-प्रदर्शन


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.