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    '2047 तक भारत को...' स्वदेशी शोध संस्थान के कार्यक्रम में पढ़ा गया पीएम मोदी का संबोधन

    प्रधानमंत्री ने विजन 2047 समृद्ध और महान भारत विषय पर आयोजित सम्मेलन की सराहना करते हुए इसे एक विचारशील पहल बताया और इसकी सफलता की कामना की। उन्होंने कहा कि 2047 के लिए भारत का विजन सिर्फ एक मंजिल नहीं है बल्कि एक मजबूत विकसित और समावेशी भारत के निर्माण की सतत यात्रा है।

    By Agency Edited By: Swaraj Srivastava Updated: Fri, 25 Apr 2025 12:12 AM (IST)
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    तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पढ़ा गया संबोधन (फाइल फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि 2047 तक भारत का लक्ष्य देश को नवाचार, सतत विकास और समावेशिता के केंद्र में बदलना है, जहां हर नागरिक उच्च गुणवत्ता वाला जीवन जी सके।

    तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में उनका संदेश पढ़ा गया। इसमें उन्होंने कहा कि यह विजन केवल आर्थिक प्रकृति का नहीं है, बल्कि हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के साथ ही नवाचार और आधुनिकता को अपनाने पर गर्व भी करता है।

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    स्वदेशी शोध संस्थान ने किया आयोजन

    स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) की इकाई स्वदेशी शोध संस्थान ने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से सम्मेलन का आयोजन किया है। इसका उद्देश्य 2047 तक की भारत की विकास यात्रा के लिए दूरदर्शी रणनीतिक मार्ग तैयार करना है। पीएम ने कहा कि युवाओं और सशक्त संस्थानों के माध्यम से भारत एक ऐतिहासिक परिवर्तन करने के लिए तैयार है।

    केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि भारत सार्वभौमिक भाईचारे की बात करता है, लेकिन जब बात अपनी स्वतंत्रता, संप्रभुता और सुरक्षा की होगी तो वह कोई समझौता नहीं करेगा। उन्होंने यह बात स्वदेशी शोध संस्थान द्वारा आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कही।

    उनकी यह टिप्पणी जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में आई है। उन्होंने आतंकी हमले में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की। कहा कि यदि दुनिया के पास परमाणु हथियार हैं तो हम भी पीछे नहीं हैं।

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