यूक्रेन से बातचीत के बीच रूस ने पीएम मोदी को भेजा निमंत्रण, जानिए क्या है पुतिन का प्लान?
रूस में 9 मई को ग्रेट पैट्रियोटिक वॉर में विजय की 80वीं वर्षगांठ के मौके पर भव्य समारोह का आयोजन किया जाएगा। इसमें शामिल होने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को निमंत्रण भेजा गया है। रूसी समाचार एजेंसी ने दावा किया है कि पीएम मोदी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। इंडियन आर्म्ड फोर्स की एक टुकड़ी भी रिहर्सल के लिए परेड से एक महीने पहले पहुंचेगी।
एएनआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 मई को मॉस्को के रेड स्क्वायर पर होने वाली परेड में भाग लेने के लिए रूस जा सकते हैं। यह परेड ग्रेट पैट्रियोटिक वॉर में विजय की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित की जाएगी।
रूसी समाचार एजेंसी TASS ने बुधवार को सूत्रों के हवाले से यह दावा किया। एजेंसी ने माना कि पीएम मोदी के दौरे की संभावनाएं काफी ज्यादा हैं।
रिहर्सल के लिए पहुंचेगी सेना की टुकड़ी
इसमें कहा गया है कि परेड में शामिल होने के लिए इंडियन आर्म्ड फोर्स की एक टुकड़ी को रिहर्सल के लिए परेड से एक महीने पहले पहुंचना होगा। एजेंसी ने दावा किया है कि इस पर भी काम किया जा रहा है।
इसके मुताबिक, भारतीय सैन्य कर्मियों को भेजने से संबंधित मु्द्दों पर फिलहाल चर्चा की जा रही है। बता दें कि इससे पहले रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा था कि 9 मई को मॉस्को में होने वाले इवेंट के लिए कई देशों को निमंत्रण भेजा गया था, जिन्होंने इसे स्वीकार भी कर लिया है।
9 मई को होगा ग्रेट पैट्रियोटिक वॉर का जश्न
- TASS के अनुसार, 'रूसी राष्ट्रपति दिमित्री पेसकोव के प्रेस सचिव ने कहा कि 9 मई के जश्न में भाग लेने के लिए केवल CIS ही नहीं, बल्कि विभिन्न देशों के नेताओं को मॉस्को आमंत्रित किया जाएगा।'
- उन्होंने संकेत दिया कि रूस उन सभी विदेशी मेहमानों को देखकर खुश होगा, जो मॉस्को में विजय दिवस के महत्व को समझते हैं।
कज़ान में मिले थे पुतिन और मोदी
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर रूस की अध्यक्षता में कज़ान में आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस का दौरा किया था।
यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए अमेरिका और रूसी अधिकारियों के बीच बातचीत के बीच होगी। इस महीने की शुरुआत में रियाद में पहले दौर की बातचीत हुई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी पिछली यात्राओं के दौरान रूसी राष्ट्रपति और यूक्रेनी राष्ट्राध्यक्ष व्लादमीर जेलेंस्की के साथ बैठकों में शांति की वकालत की थी।
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