'आत्मनिर्भर भारत के निर्माता बनेंगे किसान', दो परियोजनाओं की शुरुआत करके बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस सरकारों पर किसानों की उपेक्षा का आरोप लगाया और भाजपा सरकार द्वारा 'आकांक्षी जिलों' पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही। उन्होंने 35,440 करोड़ रुपये की दो योजनाओं, धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन की शुरुआत की। मोदी ने कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों को लाभ पहुंचाने वाली पहलों पर जोर दिया। उन्होंने दलहन उत्पादन बढ़ाने और कृषि निर्यात को दोगुना करने की बात भी कही।

पीएम मोदी ने किसानों को दी सौगात।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों पर किसानों और देश के पिछड़े जिलों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने इन जिलों को 'आकांक्षी जिले' घोषित कर विशेष ध्यान दिया है। पिछली सरकारों की नीतियों के कारण कृषि क्षेत्र बिखरा हुआ था, मंत्रालयों में समन्वय नहीं था। 2014 के बाद केंद्र सरकार ने 'बीज से बाजार तक' व्यापक सुधार किए। फसल बीमा योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, सूक्ष्म सिंचाई, उर्वरक सब्सिडी और कृषि मशीनरी पर जीएसटी दरों में कटौती जैसी पहलों से किसानों को सीधा लाभ मिला है।
जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख की जयंती पर शनिवार को कृषि मंत्रालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने किसानों के लिए 35,440 करोड़ रुपये की दो बड़ी योजनाओं, प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन की शुरुआत की। कार्यक्रम का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) में किया गया था। प्रधानमंत्री ने कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी 5,450 करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन किया और 815 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की आधारशिला रखी।
'आत्मनिर्भर भारत के निर्माता बनेंगे किसान'
उन्होंने कहा कि इन पहलों से किसानों का भविष्य बदलेगा और वे आत्मनिर्भर भारत के निर्माता बनेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने सौ जिलों को पिछड़ा घोषित कर उन्हें भूल गई, जबकि भाजपा सरकार ने इन जिलों को आकांक्षी जिले बनाकर शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और टीकाकरण में उल्लेखनीय सुधार किए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक साल में जितना धन कृषि पर खर्च करती थी, उतना हमारी सरकार पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में किसानों के बैंक खाते में सीधे जमा कर देती है। हमारा मंत्र है, सहमति, सहयोग और प्रतिस्पर्धा। मंत्रालय अपने प्रोजेक्ट चलाएं, नागरिकों की भागीदारी बढ़ाएं और जिलों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन दें।
'दलहन के उत्पादन को 350 लाख टन करने का लक्ष्य'
उन्होंने बताया कि दलहन आत्मनिर्भरता मिशन के तहत वर्ष 2030 तक उत्पादन को 252 लाख टन से बढ़ाकर 350 लाख टन करने का लक्ष्य है। इसके लिए 35 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि दलहन उत्पादन के दायरे में लाई जाएगी। भारत दुनिया का सबसे बड़ा दलहन उत्पादक और उपभोक्ता देश है, लेकिन अभी भी आयात पर निर्भर है। यह मिशन इस निर्भरता को समाप्त करेगा और किसानों को बेहतर दाम दिलाएगा। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत सौ पिछड़े कृषि जिलों में उत्पादकता बढ़ाने, फसल विविधीकरण, सिंचाई और भंडारण सुविधाओं के विस्तार तथा आसान ऋण उपलब्ध कराने पर फोकस होगा।
मोदी ने बताया कि पिछले 11 वर्षों में भारत का कृषि निर्यात दोगुना हुआ है। खाद्यान्न उत्पादन में 900 लाख टन और फल-सब्जियों में 640 लाख टन की वृद्धि हुई है। भारत आज दूध उत्पादन में विश्व में प्रथम, मछली उत्पादन में दूसरा और शहद उत्पादन में दोगुनी वृद्धि करने वाला देश बन गया है। अब लक्ष्य केवल आत्मनिर्भरता नहीं, बल्कि वैश्विक बाजार में भारतीय कृषि की पहचान बनाना है।
पीएम मोदी ने प्रमाणपत्र भी बांटे
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक खेती मिशन के तहत प्रमाणित किसानों, तकनीशियनों और ई-पैक्स व पीएम किसान केंद्रों से जुड़े प्रतिनिधियों को प्रमाणपत्र दिए। उन्होंने बताया कि अब तक 10 हजार किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बने हैं, जिनमें 50 लाख किसान सदस्य हैं और 1,100 एफपीओ का सालाना कारोबार एक करोड़ रुपये से अधिक है। प्रधानमंत्री ने किसानों से दलहन, तिलहन और वैश्विक मांग वाली फसलों की ओर रुख करने की अपील की। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री राजीव रंजन सिंह और कृषि राज्य मंत्री भगीरथ चौधरी मौजूद रहे।
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