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    Sabarimala Temple जाने के लिए पादरी ने लौटाया चर्च का लाइसेंस, भगवान अयप्पा की पूजा को लेकर हुआ विवाद

    By AgencyEdited By: Anurag Gupta
    Updated: Mon, 11 Sep 2023 12:23 AM (IST)

    केरल के एक पादरी ने सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा के 41 दिन तक पूजा करने को लेकर हुए विवाद के बाद चर्च का अपना लाइसेंस लौटा दिया। एंग्लिकन चर्च आफ इंडिया के एक पादरी रेव मनोज केजी इस महीने के अंत में तीर्थयात्रा पर मंदिर जाने की अपनी योजना के तहत 41 दिनों तक चलने वाले पारंपरिक व्रतम का पालन कर रहे हैं।

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    भगवान अयप्पा की पूजा को लेकर हुआ विवाद (फाइल फोटो)

    तिरुअनंतपुरम, पीटीआई। केरल के एक पादरी ने सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple) में भगवान अयप्पा (Lord Ayyappa) के 41 दिन तक पूजा करने को लेकर हुए विवाद के बाद चर्च का अपना लाइसेंस लौटा दिया। एंग्लिकन चर्च आफ इंडिया के एक पादरी रेव मनोज केजी इस महीने के अंत में तीर्थयात्रा पर मंदिर जाने की अपनी योजना के तहत 41 दिनों तक चलने वाले पारंपरिक व्रतम का पालन कर रहे हैं।

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    मनोज ने कहा कि जब चर्च को इसके बारे में पता चला तो उन्होंने कहा कि इस तरह का आचरण स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने मुझसे स्पष्टीकरण मांगा कि मैंने इसके सिद्धांतों और नियमों का उल्लंघन क्यों किया? स्पष्टीकरण देने के बजाय मैंने चर्च की ओर से दिया गया आईडी कार्ड और लाइसेंस लौटा दिया। यह चीजें मुझे तब दी गईं थी जब मैंने पादरी का पद संभाला था।

    उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उनका काम एंग्लिकन चर्च आफ इंडिया के नियमों और सिद्धांतों के खिलाफ था।

    मनोज ने कहा कि उनका कार्य कलीसिया के सिद्धांतों पर आधारित नहीं था, इसके बजाय यह प्रभु के सिद्धांतों पर आधारित था। भगवान ने हर किसी को उनकी जाति, पंथ, धर्म या मान्यताओं के बावजूद प्यार करने के लिए कहा है।

    उन्होंने कहा कि आप ईश्वर से प्रेम करते हैं या चर्च से यह आप तय कर सकते हैं। 41 दिन के संयम के फैसले की आलोचना करने वालों को फेसबुक पर एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि आप भगवान से प्यार करते हैं या चर्च से आप फैसला कर सकते हैं।

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    मनोज ने कहा कि सबरीमाला में पूजा-अर्चना करने के अपने सपने को पूरा करने के लिए मैंने चर्च को लाइसेंस लौटने का फैसला किया, जो उसने मुझे प्रार्थना संबंधी सेवाएं करने के लिए दिया था। मनोज ने यह भी कहा कि लाइसेंस तो लौटा दिया है, लेकिन वह पादरी बने रहेंगे।