Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ये है पूरी तरह सोलर पावर से चलने वाला देश का पहला जिला, राष्‍ट्रपति कोविंद ने की प्रशंसा

    By Monika MinalEdited By:
    Updated: Sat, 26 Dec 2020 03:09 PM (IST)

    2018 में केंद्र शासित प्रदेश दीव ने सौर ऊर्जा की क्षेत्र में महत्‍वपूर्ण सफलता अर्जित की जिसका राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज भी जिक्र किया और बताया कि यहां आत्‍मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल का अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है।

    Hero Image
    100 फीसद सोलर पावर से चलने वाला भारत का पहला द्वीप 'दीव'

    नई दिल्‍ली, एजेंसी। राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद शनिवार को  गुजरात व महाराष्ट्र के निकटवर्ती केंद्र शासित प्रदेश दादर व नगर हवेली के दीव में मौजूद थे। उन्‍होंने संघ राज्‍य क्षेत्र के उत्‍साहपूर्ण प्रयासों की प्रशंसा करते हुए सौर ऊर्जा क्षेत्र में सफलता का परचम लहराने का भी जिक्र किया। राष्‍ट्रपति ने कहा, 'संघ राज्य-क्षेत्र के उत्साहपूर्ण प्रयासों से अब दीव शहर भारत का ऐसा पहला नगर बन गया है, जो दिन के समय अपनी ऊर्जा की शत-प्रतिशत जरूरत सौर ऊर्जा से पूरी कर रहा है। दीव में पर्यटकों की विशेष पसंद वाली अनेक ऐतिहासिक एवं सांस्‍कृतिक धरोहरों के संरक्षण और सौंदर्यीकरण के विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। मुझे प्रसन्नता है कि दीव जिले में भी, आत्‍मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल का अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है।' 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    2018 में ही सौर ऊर्जा के क्षेत्र में मिली थी सफलता 

    दरअसल वर्ष 2018 की शुरुआत में ही अक्षय ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की ओर कदम बढ़ाते हुए दीव सौर ऊर्जा से 100 फीसद चलने वाला देश का पहला केंद्र शासित प्रदेश बन गया। वहां सौर ऊर्जा का उत्पादन काफी तेजी से बढ़ा है। रोचक यह है कि मात्र 42 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल वाले दीव में जमीन की कमी है लेकिन फिर भी करीब 50 एकड़ से भी अधिक क्षेत्र पर सोलर पावर प्लांट्स लगाए गए हैं। उल्‍लेखनीय है कि यहां कोरोना वायरस संक्रमण का मामला भी देर से आया था। 

    13 मेगावॉट बिजली का होता है उत्‍पादन 

    दीव कुल 13 मेगावॉट बिजली सोलर पावर से उत्पादन करता है। इसमें से करीब  3 मेगावॉट बिजली छतों पर लगे सोलर प्लांट्स और 10 मेगावॉट अन्य सोलर पावर प्लांट्स से उत्पादन किया जाता है। इससे पहले तक गुजरात सरकार की ग्रिड से दीव को बिजली मिलती थी जिसमें बड़ी मात्रा में बिजली बर्बाद हो जाती थी। जब से यहां की पावर कंपनी ने सौर ऊर्जा से बिजली बनाना शुरू किया तब से ही इसकी बर्बादी काफी कम हो गई।

    सोलर प्‍लांट लगा आत्‍मनिर्भर बना दीव 

    सोलर प्‍लांट के विकास से पहले पानी और बिजली के लिए गुजरात सरकार का आसरा था और इसलिए यहां सोलर प्लांट लगाने का निर्णय लिया गया। 2018 में दीव में बिजली की डिमांड 7 मेगावॉट तक थी और सोलर प्‍लांट लगने के बाद करीब 10.5 मेगावॉट बिजली का उत्पादन सौर ऊर्जा से किया जाने लगा।  सोलर पावर के इस्तेमाल से लोगों को राहत मिली, 12 फीसद तक बिजली बिल कम हो गए।  दो साल पहले संयुक्‍त राष्‍ट्र ने सौर उर्जा के लिए बेहतरीन काम करने को लेकर भारत की सराहना की थी। वर्ष 2015 में केरल का कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित दुनिया का पहला हवाईअड्डा बन गया था।