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    राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कारों में कई राज्य लौटे खाली हाथ, तेलंगाना रहा अव्वल; राष्ट्रपति मुर्मु करेंगी पुरस्कृत

    By Jagran NewsEdited By: Shashank Mishra
    Updated: Wed, 12 Apr 2023 07:53 PM (IST)

    पंचायतीराज मंत्रालय ने की घोषणा 13 पुरस्कार जीतकर तेलंगाना देश में अव्वल। सर्वाधिक ग्राम पंचायतों वाले उत्तर प्रदेश के खाते में भी आए सिर्फ दो ही पुरस्कार। पुरस्कार जीतने वाले निकायों के प्रतिनिधियों को 17 अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पुरस्कृत करेंगी।

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    विभिन्न श्रेणियों में 13 पुरस्कार जीतकर तेलंगाना देश में अव्वल तो आठ पुरस्कारों के साथ उड़ीसा दूसरे स्थान पर रहा।

    जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। गांवों के सतत विकास के लक्ष्य की ओर दौड़ में देश के बड़े राज्य हांफते नजर आ रहे हैं। नौ लक्ष्यों को अलग-अलग श्रेणी में बांटकर पंचायतीराज मंत्रालय ने प्रतिस्पर्धा कराई तो अधिकतर पिछड़ गए। लगभग 2 लाख 56 हजार ग्राम पंचायतों में से ढाई लाख पंचायतों ने पंजीयन कराया, लेकिन जब उन्हें मानकों पर परखा गया तो विभिन्न श्रेणियों में 13 पुरस्कार जीतकर तेलंगाना देश में अव्वल तो आठ पुरस्कारों के साथ उड़ीसा दूसरे स्थान पर रहा, जबकि मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, बिहार और पंजाब जैसे बड़े राज्य खाली हाथ रह गए।

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    सभी राज्यों ने दिखाया उत्साह

    सर्वाधिक पंचायतों वाले उत्तर प्रदेश को भी सिर्फ दो पुरस्कारों से ही संतोष करना पड़ा है। पंचायतीराज मंत्रालय सतत विकास लक्ष्यों के प्रति ग्राम पंचायतों, ब्लाक पंचायतों और जिला पंचायतों को प्रेरित करने के लिए प्रतिवर्ष प्रतिस्पर्धा कराता है। पहले यह प्रतिस्पर्धा 17 सतत विकास लक्ष्यों को लेकर होती थी, लेकिन अब इन्हें नौ लक्ष्यों में एकीकृत कर दिया गया है। इस बार प्रतिस्पर्धा में शामिल होने में सभी राज्यों ने काफी उत्साह दिखाया है।

    मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि देश में लगभग 2 लाख 56 हजार ग्राम पंचायतें हैं, जिनमें से ढाई लाख ने राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कारों के लिए नामांकन कराया। इसके बाद तय प्रक्रिया के तहत सबसे पहले ब्लाक स्तर पर तीन श्रेष्ठ ग्राम पंचायतें चुनी गईं। फिर सभी ब्लाकों की प्रविष्टियों में से जिला स्तर पर तीन पंचायतें चुनी गईं। यही प्रक्रिया राज्य स्तर पर अपनाई गई।

    इस तरह अलग-अलग श्रेणियों में सभी राज्यों और केंद्र शासित राज्यों से तीन-तीन प्रविष्टियां केंद्र सरकार को भेजी गईं। उनमें से राष्ट्रीय स्तर पर नौ श्रेणियों में प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार यानी कुल 27 ग्राम पंचायतों को दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सतत विकास पुरस्कार के लिए चुना गया है। तीन ग्राम पंचायत, तीन ब्लाक पंचायत और तीन जिला पंचायतों यानी नौ निकायों को नानाजी देशमुख सर्वोत्तम पंचायत सतत विकास पुरस्कार के लिए चुना गया है।

    विशेष श्रेणी में तीन ग्राम पंचायतों को ग्राम ऊर्जा स्वराज विशेष पंचायत पुरस्कार, तीन को कार्बन न्यूट्रल विशेष पंचायत पुरस्कार दिया जा रहा है। इन दोनों श्रेणियों में दो-दो ग्राम पंचायतों को प्रमाण-पत्र भी दिए जा रहे हैं। इन्हें वित्तीय प्रोत्साहन नहीं मिलेगा।

    17 को राष्ट्रपति करेंगी पुरस्कृत

    पुरस्कार जीतने वाले निकायों के प्रतिनिधियों को 17 अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पुरस्कृत करेंगी। यह समारोह नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित किया जाएगा। इन्होंने मारी बाजी राज्य- पुरस्कार तेलंगाना- 13 ओडिशा- 8 महाराष्ट्र- 5 केरल- 5 जम्मू-कश्मीर- 3