President Droupadi Murmu Updates: राष्ट्रपति मुर्मु ने लोकतांत्रिक गणराज्य का बताया महत्व, बोलीं- हम विभाजित नहीं बल्कि एकजुट हुए
Republic Day 2023 President Droupadi Murmu Updates: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने परंपरा को कायम रखते हुए 74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार को राष्ट्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने देशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई दी।

नई दिल्ली, एजेंसी। President Droupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने परंपरा को कायम रखते हुए 74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार को राष्ट्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने देशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई दी।
देश के नाम संबोधन में उन्होंने कहा कि देश और विदेश में रहने वाले आप सभी भारत के लोगों को, मैं हार्दिक बधाई देती हूं। जब हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं, तब एक राष्ट्र के रूप में हमने मिल-जुल कर जो उपलब्धियां प्राप्त की हैं, उनका हम उत्सव मनाते हैं।
बता दें कि गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को 1950 में भारतीय संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जब देश एक संप्रभु राज्य बन गया था। उत्सव के हिस्से के रूप में कर्तव्य पथ पर पारंपरिक मार्च पास्ट शामिल है, जिसमें सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियों द्वारा भव्य परेड शामिल हैं।
राष्ट्रपति ने देश के लिए शहीद जवानों को नमन किया। उन्होंने कहा, मैं उन बहादुर जवानों की विशेष रूप से सराहना करती हूं जो हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं और किसी भी त्याग तथा बलिदान के लिए सदैव तैयार रहते हैं। देशवासियों को आंतरिक सुरक्षा प्रदान करने वाले समस्त अर्ध-सैनिक बलों तथा पुलिस-बलों के बहादुर जवानों की भी मैं सराहना करती हूं।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा, मैं किसानों, मजदूरों, वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की भूमिकाओं की सराहना करती हूं जिनकी सामूहिक शक्ति हमारे देश को "जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान" की भावना के अनुरूप आगे बढ़ने में सक्षम बनाती है।
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा, मेरे विचार से जलवायु परिवर्तन ऐसी चुनौतियां हैं, जिनका सामना शीघ्रता से करना है। वैश्विक तापमान बढ़ रहा है और मौसम में बदलाव के चरम रूप दिखाई पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए हमें प्राचीन परम्पराओं को नई दृष्टि से देखना होगा। हमें अपनी मूलभूत प्राथमिकताओं पर भी पुनर्विचार करना होगा। परंपरागत जीवन-मूल्यों के वैज्ञानिक आयामों को समझना होगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि इस वर्ष भारत G-20 देशों के समूह की अध्यक्षता कर रहा है। विश्व-बंधुत्व के अपने आदर्श के अनुरूप, हम सभी की शांति और समृद्धि के पक्षधर हैं। G-20 की अध्यक्षता एक बेहतर विश्व के निर्माण में योगदान हेतु भारत को अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करती है।
इस वर्ष भारत G-20 देशों के समूह की अध्यक्षता कर रहा है। विश्व-बंधुत्व के अपने आदर्श के अनुरूप, हम सभी की शांति और समृद्धि के पक्षधर हैं। G-20 की अध्यक्षता एक बेहतर विश्व के निर्माण में योगदान हेतु भारत को अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करती है। pic.twitter.com/iAjcecJR8W
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 25, 2023
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि सशक्तीकरण की यही दृष्टि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों सहित, कमजोर वर्गों के लोगों के लिए सरकार की कार्य-प्रणाली का मार्गदर्शन करती है। वास्तव में हमारा उद्देश्य न केवल उन लोगों के जीवन की बाधाओं को दूर करना और उनके विकास में मदद करना है, बल्कि उन समुदायों से सीखना भी है।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि महिला सशक्तीकरण तथा महिला और पुरुष के बीच समानता अब केवल नारे नहीं रह गए हैं। मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि महिलाएं ही आने वाले कल के भारत को स्वरूप देने के लिए अधिकतम योगदान देंगी।
राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षार्थियों को 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए तैयार करते हुए हमारी सभ्यता पर आधारित ज्ञान को समकालीन जीवन के लिए प्रासंगिक बनाती है। उन्होंने कहा कि हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों पर गर्व का अनुभव कर सकते हैं। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में, भारत गिने-चुने अग्रणी देशों में से एक रहा है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षार्थियों को इक्कीसवीं सदी की चुनौतियों के लिए तैयार करते हुए हमारी सभ्यता पर आधारित ज्ञान को समकालीन जीवन के लिए प्रासंगिक बनाती है। pic.twitter.com/0VovZCGWza
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 25, 2023
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले साल भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। यह उपलब्धि, आर्थिक अनिश्चितता से भरी वैश्विक पृष्ठभूमि में प्राप्त की गई है। सक्षम नेतृत्व और प्रभावी संघर्षशीलता के बल पर हम शीघ्र ही मंदी से बाहर आ गए, और अपनी विकास यात्रा को फिर से शुरू किया।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि भारत एक गरीब और निरक्षर राष्ट्र की स्थिति से आगे बढ़ते हुए विश्व-मंच पर एक आत्मविश्वास से भरे राष्ट्र का स्थान ले चुका है। संविधान-निर्माताओं की सामूहिक बुद्धिमत्ता से मिले मार्गदर्शन के बिना यह प्रगति संभव नहीं थी।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि हम सब एक ही हैं, और हम सभी भारतीय हैं। इतने सारे पंथों और इतनी सारी भाषाओं ने हमें विभाजित नहीं किया है बल्कि हमें जोड़ा है। इसलिए हम एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में सफल हुए हैं। यही भारत का सार-तत्व है।
राष्ट्रपति मुर्मु ने 74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश के नाम संबोधन में कहा कि देश और विदेश में रहने वाले आप सभी भारत के लोगों को, मैं हार्दिक बधाई देती हूं। जब हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं, तब एक राष्ट्र के रूप में हमने मिल-जुल कर जो उपलब्धियां प्राप्त की हैं, उनका हम उत्सव मनाते हैं।
