Indian Navy Day: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा- अगले 25 साल में विश्वगुरु बन जाएगा भारत
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने रविवार को विश्वास जताया कि अगले 25 साल में भारत विश्वगुरु बन जाएगा। रामकृष्ण बीच पर नौसेना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत को महान कहा जाता है क्योंकि यहां के लोग ऊर्जा से ओतप्रोत हैं।

विशाखापत्तनम, पीटीआइ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने रविवार को विश्वास जताया कि अगले 25 साल में भारत 'विश्वगुरु' बन जाएगा। यहां रामकृष्ण बीच पर नौसेना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत को महान कहा जाता है, क्योंकि यहां के लोग ऊर्जा से ओतप्रोत हैं। देश के लोगों में संगीत, खेल, संस्कृति, रक्षा क्षेत्र के प्रति भारी उत्साह है और हर कोई भारत को आगे ले जाने के लिए शिद्दत से जुटा है।
2047 में भारत अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएगा
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि जब 2047 में भारत अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएगा, तब तक वह विश्व में सिरमौर होगा और अपने गौरव को बहाल करेगा। हालांकि उन्होंने कहा कि कुछ खाइयों को पाटने की जरूरत है ताकि हर भारतीय गर्व के साथ आगे बढ़ सके और नए और विकसित भारत में कदम रख सके। राष्ट्रपति ने कहा कि नौसेना दिवस ने अमृत काल के माध्यम से भारत को एक महान भविष्य की ओर ले जाने के लिए खुद को फिर से समर्पित करने की आवश्यकता की याद दिलाई है।
देश के विकास और समृद्धि में महानगर की महत्वपूर्ण भूमिका
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत स्वाभाविक रूप से एक समुद्री देश है, जिसके तीन तरफ समुद्र और चौथी तरफ ऊंचे पहाड़ हैं। उन्होंने कहा कि महासागर देश के विकास और समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। नौसेना को बधाई देते हुए कहा कि भारतीय नौसेना आत्मनिर्भर है, नवाचार कर रही है और महासागरों में एक निरंतर पहुंच बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि भारतीय नौसेना नए और विकसित भारत के विजन के साथ मजबूती से आगे बढ़ती रहेगी। मुर्मू ने विशाखापत्तनम को 'पूर्वी तट का गहना' बताते हुए कहा कि यह एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरा है जो भारत के सुरक्षित भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है।
राष्ट्रपति ने परियोजनाओं का किया शुभारंभ
राष्ट्रपति ने सड़क परिवहन और राजमार्ग, रक्षा और जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्रालयों की कई विकासात्मक परियोजनाओं का शुभारंभ भी किया। उन्होंने कहा कि वे भारत के समग्र और समावेशी विकास में योगदान देंगी। राजमार्गों के विकास से भीड़भाड़ कम होगी और सड़क सुरक्षा बढ़ेगी, यात्रा का समय कम होगा और लोगों व सामानों की तेज आवाजाही में सुविधा होगी। अनंतगिरि में नौसेना दिवस समारोह में भाग लेने के बाद राष्ट्रपति मंदिर-नगर तिरुपति भी गईं। इससे पूर्व चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार उन अधिकारियों में शामिल थे, जिन्होंने नौसेना दिवस के अवसर पर बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी।
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