डिजिटल अरेस्ट नागरिकों के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने डिजिटल अरेस्ट को नागरिकों के लिए गंभीर खतरा बताया है। उन्होंने इस खतरे से निपटने के लिए जागरूकता बढ़ाने और नागरिकों को सशक्त बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। राष्ट्रपति ने साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए नागरिकों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाने के लिए ठोस कदम उठाने का आह्वान किया। सरकार के प्रयासों के साथ, नागरिकों को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु। (फाइल)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोमवार को कहा कि तकनीक ने पुलिसिंग के क्षेत्र में काफी बदलाव ला दिया है। उन्होंने कहा कि डिजिटल अरेस्ट नागरिकों के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक बन गई है।
राष्ट्रपति भवन में उनसे मिलने आए भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) के परिवीक्षाधीन अधिकारियों के एक समूह को संबोधित करते हुए मुर्मु ने कहा कि लोगों, खासकर वंचितों को पुलिस को एक भयावह संस्था के रूप में नहीं, बल्कि सहारे के रूप में देखना चाहिए।
भारत विश्व में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था- राष्ट्रपति मुर्मु
उन्होंने कहा कि भारत विश्व में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है और हमें अपनी वृद्धि को बनाए रखने और तेज करने के लिए बड़े पैमाने पर सार्वजनिक और निजी निवेश की आवश्यकता है। किसी भी राज्य या क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए कानून-व्यवस्था एक जरूरी शर्त है। निवेश और विकास को बढ़ावा देने में आर्थिक प्रोत्साहनों के साथ-साथ प्रभावी पुलिसिंग भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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