राष्ट्रपति ने गोवा में लागू समान नागरिक संहिता को सराहा, बोले- यह गोवा के लिए गर्व की बात
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने कहा कि यह गोवा के लिए गर्व की बात है कि उसके नागरिकों ने कॉमन सिविल कोड को अपनाया है। ऐसा करने से गोवा में सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा मिला है।
पणजी, आइएएनएस। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गोवा के 60वें मुक्ति दिवस के मौके पर राज्य में लागू समान नागरिक संहिता की सराहना की। आज ही के दिन 1961 में गोवा पुर्तगालियों की 450 साल की गुलामी से आजाद हुआ था। राष्ट्रपति ने कहा कि गोवा के लिए यह बहुत ही गर्व की बात है कि उसके नागरिकों ने समान नागरिक संहिता को अपनाया है। इसकी वजह से गोवा में सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा मिलता है।
राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे समय में आया है जब देशभर में समान नागरिक संहिता यानी एक समान कानून लागू करने की मांग की जा रही है। गोवा के लोगों को अत्यंत परिश्रमी करार देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आज जब गोवा अपनी स्वतंत्रता के 60वें साल में प्रवेश कर रहा है, यह बहुत गर्व की बात है कि वह प्रति व्यक्ति आय के मामले में देश में आगे बना हुआ है। इसका श्रेय यहां के परिश्रमी लोगों, जनप्रतिनिधियों, सरकारी अधिकारियों और उद्योग जगत को जाता है।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने आत्मनिर्भर भारत की तर्ज पर गोवा में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की ‘आत्मनिर्भर भारत, स्वयंपूर्ण गोवा’पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज जब पूरा देश, आत्मनिर्भर भारत के मंत्र पर चलते हुए स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आगे बढ़ रहा है, तब गोवा ने मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत के गतिशील नेतृत्व में ‘आत्मनिर्भर भारत, स्वयंपूर्ण गोवा’ की सराहनीय पहल शुरू की है।
उन्होंने कहा कि डॉ. प्रमोद सावंत, अपने पूर्ववर्ती और आदर्श कर्मयोगी स्वर्गीय श्री मनोहर पर्रिकर की समृद्ध विरासत को सच्चे अर्थों में आगे बढ़ा रहे हैं। आज, गोवा जब अपनी आज़ादी के 60वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है तो यह देखकर गर्व होता है कि प्रति व्यक्ति आय के मामले में यह राज्य पहले स्थान पर है। यह उपलब्धि, कठिन प्रयासों के बल पर प्राप्त हुई है और इसमें वर्तमान एवं पूर्ववर्ती सरकारों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।