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    राष्ट्रपति चुनाव: मुलायम सिंह का वोट रद

    By Edited By:
    Updated: Fri, 20 Jul 2012 04:32 PM (IST)

    गुरुवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव के दौरान गलती से पीए संगमा को वोट करने के बाद बैलट फाड़ने के कारण चुनाव आयोग ने मुलायम सिंह का वोट रद कर दिया है। चुनाव ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। गुरुवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव के दौरान गलती से पीए संगमा को वोट करने के बाद बैलट फाड़ने के कारण चुनाव आयोग ने मुलायम सिंह का वोट रद कर दिया है। चुनाव आयोग ने यह कदम रिटर्निग ऑफिसर की सिफारिश के आधार पर किया है। कल राष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग के दौरान गलती से मुलायम सिंह ने संगमा को वोट दे दिया था। गलती का एहसास होने पर उन्होंने बैलट फाड़ने की भी कोशिश की थी। रिटर्निग ऑफिसर ने यह मामला चुनाव आयोग के समक्ष पेश किया जिस पर यह फैसला किया गया।

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    गुरुवार को वोटिंग के दौरान प्रणब के समर्थन की घोषणा कर चुके मुलायम ने संगमा के सामने मुहर लगा दी। गलती का एहसास हुआ तो वह दोबारा चुनाव अधिकारी के पास गए और दूसरा बैलट मांगा। उन्होंने कहा कि वोट में गलती हो गई। यह कहते हुए उन्होंने अपना बैलट फाड़ दिया।

    सपा प्रमुख ने दूसरे बैलट पर मुहर तो लगी दी है लेकिन संगमा के चुनाव एजेंट सतपाल जैन के विरोध के कारण वह डब्बे में नहीं डाला गया। जैन ने तत्काल इस बारे में चुनाव अधिकारी और पर्वेक्षक को लिखित शिकायत की। शिकायत में मुलायम सिंह का पहला मत ही वैध माने जाने की मांग की गई। संगमा की ओर से की गई शिकायत में राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति चुनाव नियम 1974 के रूल 15 का हवाला दिया गया है। इस नियम में दूसरा मतपत्र लेने की प्रक्रिया बताई गई है। सतपाल जैन का कहना है कि कोई भी व्यक्ति मतपत्र फाड़ कर दूसरा मतपत्र नहीं ले सकता। मतपत्र बदलने का यह तरीका गलत है।

    क्या कहता है कानून

    मतपत्र फाड़ने और दूसरा मतपत्र लेने की घटना को, मत की गोपनीयता भंग करना समझा जाएगा या नहीं यह तो जांच का विषय है लेकिन संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप मत की गोपनीयता भंग होने के बारे में कानूनी स्थिति बताते हैं। कश्यप कहते हैं कि संविधान में कहा गया है कि राष्ट्रपति चुनाव में मतदान गोपनीय होगा। गोपनीयता भंग करना दंडनीय अपराध है।

    राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव रूल के मुताबिक गोपनीयता भंग होने पर 3 माह तक की सजा हो सकती है। हालांकि जांच में पहले यह तय करना पड़ेगा कि गोपनीयता किसने भंग की है। वे कहते हैं कि मतपत्र फाड़ने के बारे में नियमों में कुछ नहीं कहा गया है लेकिन ऐसा करना गलत है। इतना जरूर है कि मतपत्र खराब होने पर दूसरा मतपत्र लिया जा सकता है।

    इस बारे में शिकायत की प्रक्रिया बताते हुए वे कहते हैं कि मामले की शिकायत पीठासीन अधिकारी से या चुनाव आयुक्त से की जा सकती है। शिकायत का निपटारा पीठासीन अधिकारी करेगा। राष्ट्रपति चुनाव से संबंधित चुनाव याचिका पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट करता है।

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