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    'दस वर्षों की साधना में 25 करोड़ को गरीबी से निकाला', राष्ट्रपति बोलीं- गरीबी हटाओ नारे को पहली बार साकार होते देखा

    वर्तमान लोकसभा के आखिरी बजट सत्र से पहले दोनों सदनों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि दस वर्षों में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से निकालकर वर्तमान पीढ़ी की विरासत को समृद्ध करने का प्रयास किया गया है। यह दस वर्षों की साधना का विस्तार है जो शेष बचे गरीबों में विश्वास जगाएगा।

    By Jagran News Edited By: Abhinav AtreyUpdated: Wed, 31 Jan 2024 07:59 PM (IST)
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    दस वर्षों की साधना में 25 करोड़ को गरीबी से निकाला- राष्ट्रपति मुर्मु (फोटो, एक्स)

    अरविंद शर्मा, नई दिल्ली। वर्तमान लोकसभा के आखिरी बजट सत्र से पहले दोनों सदनों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि दस वर्षों में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से निकालकर वर्तमान पीढ़ी की विरासत को समृद्ध करने का प्रयास किया गया है। यह दस वर्षों की साधना का विस्तार है, जो शेष बचे गरीबों में विश्वास जगाएगा। उन्हें भी लगेगा कि उनके दिन भी फिर सकते हैं।

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    राष्ट्रपति ने कहा कि बचपन से गरीबी हटाओ के नारे सुने जा रहे थे, किंतु पहली बार इसे साकार होते देख रहे हैं। राष्ट्रपति ने युवा, नारी, किसान और गरीब को विकसित भारत की भव्य इमारत के चार मजबूत स्तंभ बताए और कहा कि समाज में इन सबकी स्थिति और सपने एक जैसे हैं। इसलिए सरकार इन्हें सशक्त करने के लिए निरंतर काम कर रही है।

    चार करोड़ से ज्यादा परिवारों को पक्का घर मिला

    उन्होंने कहा, दस वर्ष में छह लाख करोड़ खर्च कर चार करोड़ से ज्यादा परिवारों को पक्का घर मिला। चार लाख करोड़ रुपये से 11 करोड़ घरों तक पहली बार पाइप से पानी पहुंचा। दस करोड़ परिवारों को उज्ज्वला गैस कनेक्शन दिए गए हैं। कोरोना काल से ही 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है, जो अगले पांच वर्ष तक जारी रहेगा। इसपर 11 लाख करोड़ रुपये और खर्च होने हैं।

    सरकार ने दस वर्षों में 20 लाख करोड़ रुपये खर्चे

    राष्ट्रपति ने कहा कि सस्ते राशन के लिए सरकार ने दस वर्षों में 20 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं। गरीबों को राहत वाली आयुष्मान योजना की दस वर्ष की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि मुफ्त इलाज की सुविधा से नागरिकों के साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये खर्च होने से बचे हैं।

    जन-औषधि केंद्रों के चलते 28 हजार करोड़ रुपये की बचत

    इसी तरह जन-औषधि केंद्रों के चलते भी करीब 28 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है। केंद्र सरकार ने कैंसर एवं घुटने के इंप्लांट जैसे गंभीर रोगों की दवाएं सस्ती की हैं। इससे भी हर वर्ष करीब 27 हजार करोड़ रुपये की बचत हो रही है।

    गरीबों को 16 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की क्लेम राशि

    किडनी के मरीजों के लिए प्रतिवर्ष एक लाख रुपये खर्च कर मुफ्त डायलिसिस का अभियान भी चलाया जा रहा। प्रतिवर्ष 21 लाख से ज्यादा लोग इसका फायदा उठा रहे हैं। जीवन ज्योति बीमा एवं सुरक्षा बीमा योजना के जरिए गरीबों को 16 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की क्लेम राशि मिली है।

    आदिवासी सेनानियों को समर्पित दस संग्रहालय

    राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि सरकार ने उनकी भी सुध ली है, जो विकास की धारा से दूर हैं। हजारों आदिवासी गांवों में पहली बार बिजली-सड़क पहुंची है। लाखों परिवारों को अब शुद्ध पानी मिला है। 90 से ज्यादा वनोपजों पर एमएसपी मिलने से आदिवासियों को लाभ हुआ है। आदिवासी परिवारों की अनेक पीढ़ियां अनीमिया से पीड़ित रही हैं। राष्ट्रीय मिशन शुरू कर एक करोड़ 40 लाख लोगों की जांच की जा चुकी है। आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित देश भर में 10 संग्रहालय बनाए जा रहे हैं।

    विश्वकर्मा योजना से 84 लाख लोग जुड़े

    राष्ट्रपति ने कहा कि पीढ़ी दर पीढ़ी अपने कौशल के सहारे जी रहे विश्वकर्मा मित्रों की पहली बार सुध ली गई। मदद के अभाव में विश्वकर्मा साथी बुरी स्थिति से गुजर रहे थे। विश्वकर्मा योजना से अभी तक 84 लाख से अधिक लोग जुड़ चुके हैं। रेहड़ी-ठेले-फुटपाथ पर काम करने वाले साथी भी दशकों से अपने हाल पर छोड़ दिए गए थे। सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना द्वारा उनको बैंकिंग से जोड़ा है। अबतक 10 हजार करोड़ से अधिक राशि के ऋण दिए जा चुके हैं।

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