Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भविष्य के संघर्षों का अनुमान लगाकर तैयारी करना, सेना के अस्तित्व से संबंधित है; न कि वैकल्पिक- CDS अनिल चौहान

    Updated: Thu, 27 Nov 2025 11:40 PM (IST)

    चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कहा कि भविष्य के युद्धों के लिए तैयारी करना भारतीय सेना के अस्तित्व के लिए जरूरी है। उन्होंने प्रौद्योगिकी के महत्व, संयुक्त संचालन और आत्मनिर्भरता पर जोर दिया। जनरल चौहान ने कहा कि सेना को लगातार विकसित और अनुकूलित होना चाहिए। प्रशिक्षण और प्रौद्योगिकी में निवेश महत्वपूर्ण है।

    Hero Image

    चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान। (पीटीआई)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने गुरुवार को कहा कि भविष्य के संघर्षों की कल्पना करना, अनुमान लगाना और तैयारी करना सेना के लिए अस्तित्व संबंधी है और यह वैकल्पिक नहीं है।

    सेना की तरफ से यहां आयोजित 'चाणक्य डिफेंस डायलॉग' के पहले दिन 'भविष्य के युद्ध: सैन्य शक्ति के माध्यम से रणनीतिक स्थिति' विषयक सत्र में अपने विशेष संबोधन में जनरल चौहान कहा कि युद्ध के संदर्भ में अपने दुश्मन को जानना बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता जा रहा है। जबकि पारंपरिक चीजें बदल रही हैं, जो सैन्य कार्यों की जटिलताओं को बढ़ा रही हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सीडीएस ने परमाणु विषय के बारे में कहा कि आज यह विशेष स्थिरता कमजोर हो रही है। उन्होंने कहा, 'बड़ी शक्तियां अपने शस्त्रागार को आधुनिक बना रही हैं। लंबे समय से चली आ रहीं संधियां कमजोर हो रही हैं। कुछ देश अब परमाणु हथियारों की स्वीकार्यता का संकेत दे रहे हैं।'

    उन्होंने रूस की परमाणु ऊर्जा चालित प्रणालियों, चीन के परमाणु हथियारों के जखीरे का विस्तार और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की परमाणु परीक्षण के बारे में घोषणा के संदर्भ में यह बात कही।

    सेना प्रमुख ने बल को भविष्य के लिहाज से तैयार करने की पेश की रूप रेखा

    सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने गुरुवार को कहा कि दुनिया शीत युद्ध की द्विध्रुवीय स्थिति से निकलकर कुछ समय के लिए एकध्रुवीय व्यवस्था में रही और अब एक अनिश्चित व्यवस्था में प्रवेश कर चुकी है। उन्होंने यह रेखांकित किया कि लंबे समय से कायम शांति घट रही है और व्यापक संघर्ष बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही सेना प्रमुख ने बल को भविष्य के लिहाज से तैयार करने की रूपरेखा भी पेश की।

    'चाणक्य डिफेंस डॉयलाग' के उद्घाटन सत्र में अपने संबोधन में जनरल द्विवेदी ने सेना को मजबूत बनाने के उपायों का जिक्र किया। ये आने वाले वर्षों में बल के बदलावों को आगे बढ़ाएंगे ताकि तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्क में सेना निर्णायक और भविष्य के लिए तैयार रह सके।

    उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया भर में 50 से अधिक चल रहे संघर्षों के साथ हम अशांत दौर में जी रहे हैं। ऐसे हालात में हमारे लिए एक मौलिक प्रश्न उठता है कि भारतीय सेना को तेजी से विकसित हो रहे वैश्विक परि²श्क में निर्णायक और तैयार रहने के लिए कैसे बदलना चाहिए।


    (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)