बड़े ड्रग्स कार्टेल के खिलाफ एक्शन की तैयारी, अमित शाह ने कहा- समस्या के निदान के लिए कर रहे काम
ड्रग्स के खिलाफ केंद्र सरकार लगातार कड़े कदम उठा रही है। अब बड़े ड्रग्स कार्टेल पर स्ट्राइक की तैयारी की जा रही है। केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने दैनिक जागरण से खास बातचीत में कहा कि पिछले पांच-छह सालों में ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई का आधारभूत ढांचा तैयार कर लिया गया है।

केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह।
आशुतोष झा/ नीलू रंजन, जागरण, नई दिल्ली। कश्मीर में आतंकवाद पर लगाम लगाने, नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई को अंतिम अंजाम तक पहुंचाने और पूर्वोत्तर के अलगाववादी संगठनों को मुख्य धारा से जोड़ने के बाद मोदी सरकार ड्रग्स की समस्या के खिलाफ अंतिम लड़ाई की तैयारी में जुटी है।
इसके तहत अगले कुछ महीने में जमीनी स्तर पर ड्रग्स सप्लाई करने वालों से लेकर बड़े ड्रग्स कार्टेल के खिलाफ एक साथ कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने दैनिक जागरण से खास बातचीत में कहा कि पिछले पांच-छह सालों में ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई का आधारभूत ढांचा तैयार कर लिया गया है और अब बड़े ड्रग्स कार्टल पर स्ट्राइक का समय आ गया है।
समस्या के नियंत्रण के लिए नहीं, निदान के लिए काम कर रही सरकार
दैनिक जागरण के साथ लंबी चर्चा में उन्होंने घुसपैठ, तीन नए कानून, नक्सलवाद, आतंकवाद जैसे मुद्दों पर भी सरकार के प्रयासों के बारे में बताया और कहा कि यह सरकार हर समस्या के नियंत्रण के लिए नहीं बल्कि निदान के लिए काम करती है। इसी क्रम में उन्होंने घुसपैठ के खिलाफ सख्त कार्रवाई के भी संकेत दिए और कहा कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है। हर घुसपैठिए को वापस भेजा जाएगा।
'अब ड्रग्स की जांच मिनटों में हो जाती'
अमित शाह के अनुसार, किसी भी समस्या से लड़ने के लिए सबसे जरूरी लड़ाई का आधारभूत ढांचा तैयार करना है और पिछले छह सालों में यह ढांचा बनकर तैयार है। इसके तहत थाने से लेकर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो तक समन्वय, सूचनाओं का रियल टाइम आदान-प्रदान और उनके आधार पर कार्रवाई का पूरी प्रणाली खड़ी हो गई है। हर पुलिस स्टेशन में एफएसएल की किट दिया है, जिससे ड्रग्स की जांच मिनटों में हो जाती है, जिसमें पहले महीनों लग जाते थे और रिपोर्ट नहीं आने के कारण आरोपी को जमानत मिल जाती थी।
सभी राज्यों में राज्य एनसीबी का गठन
एक कोआर्डिनेटेड प्रयास से इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है। राष्ट्रीय स्तर पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) को मजबूत किया गया है। एनसीबी में 536 नए पद सृजित किए गए और पूरे देश में 21 नए ब्रांच खोले गए। एनसीबी की तर्ज सभी राज्यों में राज्य एनसीबी का गठन किया गया है। सिर्फ केरल और पश्चिम बंगाल दो ऐसे राज्य बचे हैं, जिनमें राज्य एनसीबी का गठन नहीं हुआ है।
अमित शाह के अनुसार, ड्रग्स की समस्या से निपटने के लिए जिला, राज्य से लेकर केंद्र के स्तर पर संबंधित विभागों के बीच समन्वय के लिए एनकोर्ड का गठन किया गया है। अभी तक एनकोर्ड की राष्ट्रीय स्तर पर सात, कार्यपालक स्तर पर पांच, राज्य स्तर पर 191 और जिला स्तर पर 6.750 बैठकें हो चुकी है। यहां तक ब्लाक में डीएसपी स्तर पर भी लगातार बैठकें हो रही हैं। इसके कारण कई गुना जब्ती भी बढ़ी है। इसके साथ ही पहली प्रीवेंसन ऑफ इलीसिट ट्रैफिक इन नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटांस एक्ट (पिटएडीपीएस) का उपयोग किया है, जिसमें किसी को लंबे समय तक जेल में रख सकते हैं।
ड्रग्स कार्टेल पर स्ट्राइक शुरू करने की तैयारी
वहीं, संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई भी शुरू की है। वित्तीय जांच भी शुरू की है। अमित शाह ने कहा कि पूरा ढांचा तैयार करने के बाद अब ड्रग्स कार्टेल पर स्ट्राइक शुरू करने की तैयारी है। उनके अनुसार, देश में ड्रग्स आने के तीन रास्ते हैं। पूर्वोत्तर भारत के रास्ते म्यांमार से आता है। पंजाब की ओर से पाकिस्तान-अफगानिस्तान का आता है और समुद्र के रास्ते आता है। कुछ कुरियर के माध्यम से भी आता है।
नार्कोटिक्स के खिलाफ बहुत बड़ा अभियान
उन्होंने कहा कि इन तीनों रास्तों के कार्टेल और बड़े शहरों के कार्टेल में अगले पांच छह महीने में एक सुविचारित योजना के तहत स्ट्राइक करेंगे। निचला सिस्टम ड्र्ग्स के खुदरा व्यापार पर स्ट्राइक करेगी और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, राज्यों के एसटीएफ व राज्य एनसीबी एक साथ मिलकर बड़े कार्टेल पर स्ट्राइक करेंगे। उन्होंने दावा किया कि छह महीने बाद आप नार्कोटिक्स के खिलाफ बहुत बड़ा अभियान देखेंगे।

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