कर्नाटक में पंचायत और निकाय चुनाव मतपत्रों से कराने की तैयारी; इस मामले में सिद्दरमैया के परिवार को क्लीनचिट
कर्नाटक कैबिनेट ने राज्य निर्वाचन आयोग से राज्य में आगामी सभी पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय चुनाव ईवीएम के बजाय मतपत्रों से कराने की सिफारिश करने का गुरुवार को फैसला किया। इसके साथ ही राज्य के कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एचके पाटिल ने यह जानकारी दी। मंत्री ने कहा कि ईवीएम पर लोगों का भरोसा कम हो रहा है।

पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक कैबिनेट ने राज्य निर्वाचन आयोग से राज्य में आगामी सभी पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय चुनाव ईवीएम के बजाय मतपत्रों से कराने की सिफारिश करने का गुरुवार को फैसला किया। राज्य के कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एचके पाटिल ने यह जानकारी दी। मंत्री ने कहा कि ईवीएम पर लोगों का भरोसा कम हो रहा है।
नियमों में संशोधन करने का निर्णय लिया
पाटिल ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची तैयार करने तथा स्थानीय निकाय चुनावों के लिए मतपत्रों का इस्तेमाल करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने आवश्यक कानून बनाने तथा नियमों में संशोधन करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि अगले 15 दिनों में सभी नियम और जरूरी कानूनी बदलाव कर दिए जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने अपनी सिफारिशें दे दी हैं और नियम बनने के बाद, ये राज्य चुनाव आयोग के लिए बाध्यकारी होंगी।
चुनाव आयोग से सिफारिश करेंगे
मंत्री ने कहा कि पहले विधानसभा चुनावों के लिए तैयार मतदाता सूचियों का इस्तेमाल स्थानीय निकाय चुनावों के लिए किया जाता था। इन सूचियों को पूरी तरह से संशोधित करने या जरूरत पड़ने पर दोबारा तैयार करने के लिए चुनाव आयोग से सिफारिश करेंगे। चुनाव कैसे कराए जाएं और किस प्रक्रिया का पालन किया जाए, इस बारे में सरकार राज्य चुनाव आयोग को सुझाव देगी।
उन्होंने कहा कि कुछ कानूनों और नियमों में संशोधन की आवश्यकता है। अगर किसी नियम में कहा गया है कि चुनाव ईवीएम से कराए जाने हैं, तो हम उस नियम में संशोधन करेंगे। गौरतलब है कि हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में विधानसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस ने ईवीएम की विश्वसनीयता और चुनाव परिणामों पर संदेह व्यक्त किया है। उसने मतपत्रों के इस्तेमाल पर फिर से विचार करने की मांग की है।
सिद्दरमैया के परिवार को क्लीनचिट देने वाली देसाई आयोग की रिपोर्ट कैबिनेट ने स्वीकार की
कर्नाटक कैबिनेट ने गुरुवार को जस्टिस पीएन देसाई आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है। रिपोर्ट में मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) द्वारा भूमि आवंटन में अनियमितताओं के मामले में मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और उनके परिवार को क्लीन चिट दी गई है।
कर्नाटक हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले आयोग ने 31 जुलाई को अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव शालिनी रजनीश को सौंप दी थी।कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एचके पाटिल ने कहा कि सरकार ने जस्टिस पीएन देसाई की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया था, जिसने दो खंडों में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि मुख्यमंत्री और उनके परिवार के खिलाफ लगाए गए आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है।
मुख्यमंत्री और उनके परिवार को क्लीन चिट दे दी गई
मंत्रिमंडल ने रिपोर्ट और उसकी सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उनके परिवार को क्लीन चिट दे दी गई है। आयोग ने मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी पार्वती को दोषमुक्त कर दिया है और कहा है कि मैसूरु के केसारे गांव में पार्वती की 3.16 एकड़ जमीन के बदले में उन्हें 14 प्लाट आवंटित करने में कुछ भी गलत नहीं है।
एसपी को कांग्रेस नेताओं का कुत्ता कहने पर भाजपा विधायक को पुलिस ने किया तलब
कर्नाटक पुलिस ने भाजपा विधायक बीपी हरीश को उनकी आपत्तिजनक टिप्पणी के सिलसिले में गुरुवार को पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन वह पेश नहीं हुए। हरीश ने आरोप लगाया था कि दावणगेरे जिले की पुलिस अधीक्षक (एसपी) उमा प्रशांत कांग्रेस नेताओं के पालतू पामेरियन कुत्ते की तरह व्यवहार करती हैं।
सूत्रों ने बताया कि विधायक बीपी हरीश को गुरुवार सुबह 11 बजे पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया था। उनके उपस्थित नहीं होने पर पुलिस अब उन्हें शुक्रवार या शनिवार को जांच में शामिल होने का निर्देश देते हुए एक और नोटिस देने की तैयारी कर रही है। 10 से अधिक पुलिसकर्मियों की एक टीम दावणगेरे शहर में विश्वेश्वरैया पार्क के पास बीपी हरीश के आवास पर पहुंची।
चूंकि विधायक बेंगलुरु गए हुए थे, इसलिए पुलिस ने उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ के बाद उन्हें सूचित किया कि हरीश को पूछताछ के लिए पुलिस के सामने पेश होना होगा। सूत्रों ने बताया कि हरीश पुलिस के समक्ष पेश होने से पहले मामले में अग्रिम जमानत हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं।
तमिलनाडु और केरल की सरकारों ने भी जीएसटी दरों में कटौती किया समर्थन
तमिलनाडु सरकार ने जीएसटी की दरों को युक्तिसंगत बनाने के केंद्र सरकार के फैसले का बृहस्पतिवार को स्वागत किया, लेकिन साथ ही राज्य के राजस्व की सुरक्षा को लेकर चिंताएं भी जताईं।
एआइएडीएमके प्रमुख इके पलानीस्वामी ने निर्णय का स्वागत किया
राज्य के वित्त मंत्री टी. थेन्नारासु ने सुझाव दिया कि या तो संविधान संशोधन के माध्यम से उपकर प्रविधान की वर्तमान व्यवस्था को जारी रखा जाए या जीएसटी अधिनियम में संशोधन के जरिये केवल अहितकर और विलासिता की वस्तुओं पर कर की बाध्य दर बढ़ाई जाए। इस बीच, विपक्ष के नेता और एआइएडीएमके प्रमुख इके पलानीस्वामी ने जीएसटी परिषद के ऐतिहासिक निर्णयों का तहे दिल से स्वागत किया।
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