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    12 साल के छात्र का अनोखा कारनामा, सबसे अलग अंदाज में लिखे भगवद गीता के 700 श्लोक; इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज

    Updated: Fri, 15 Nov 2024 04:08 PM (IST)

    मंगलुरु के स्वरूप आध्यायन केंद्र के एक युवा छात्र प्रसन्न कुमार डीपी ने केंद्र की तरफ से विकसित चित्रात्मक भाषा में भगवद गीता के सभी 700 श्लोक लिखकर एक अनूठा रिकॉर्ड बनाया है। 12 साल के इस बच्चे ने प्रत्येक शब्द का प्रतिनिधित्व करने के लिए 84426 विचित्र चित्र बनाए। इस उपलब्धि ने उन्हें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (आईबार) में पहचान दिलाई।

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    छात्र ने चित्र के माध्यम से लिखे भगवद गीता के श्लोक (फोटो-सोशल मीडिया)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक के मंगलुरु से एक हैरान करने वाला मामले सामने आया है। बताया जा रहा है, मंगलुरु के स्वरूप आध्यायन केंद्र के एक युवा छात्र प्रसन्न कुमार डीपी ने केंद्र की तरफ से विकसित चित्रात्मक भाषा में भगवद गीता के सभी 700 श्लोक लिखकर एक अनूठा रिकॉर्ड बनाया है। 12 साल के इस बच्चे ने प्रत्येक शब्द का प्रतिनिधित्व करने के लिए 84,426 विचित्र चित्र बनाए। इस उपलब्धि ने उन्हें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (आईबार) में पहचान दिलाई।

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    शिवमोग्गा जिले के होलेहोन्नूर के पम्पापति और नंदिनी के बेटे प्रसन्ना कुमार ने चित्रों के माध्यम से भगवद गीता बनाकर आईबीआर रिकॉर्ड बनाया। शिवमोग्गा में राष्ट्रोत्थान विद्यालय में छठी कक्षा तक पढ़ाई करने के बाद, कुमार एक साल पहले तटीय शहर में केंद्र में शामिल हो गए थे।

    1,400 पंक्तियों में किया चित्रित

    700 श्लोकों से बनी भगवद गीता को 1,400 पंक्तियों में चित्रित किया गया था, जिसमें एक हार्डबोर्ड शीट पर 84,426 चित्र थे। इस सचित्र भगवद गीता को पूरा करने के लिए युवा लड़के ने ढाई महीने तक दिन-रात अथक परिश्रम किया।

    केंद्र के संस्थापक गोपादकर ने कहा कि कुमार को अगस्त में आईबीआर अचीवर रिकॉर्ड प्राप्त हुआ। उन्होंने आगे ये भी बताया, "हमारे केंद्र की तरफ से विकसित चित्रात्मक भाषा का इस्तेमाल किसी भी विषय को याद करने के लिए किया जा सकता है। किसी भी विषय के नोट्स को चित्रात्मक भाषा का इस्तेमाल करके छात्र आसानी से याद कर सकते हैं। हमारे केंद्र के कई छात्रों ने केंद्र की शिक्षण विधियों का इस्तेमाल करके रिकॉर्ड बनाए हैं।"

    छात्र ने बताया अपना अनुभव

    अपनी उपलब्धि के बारे में बात करते हुए कुमार ने कहा कि सफल प्रयास से उनकी एकाग्रता बढ़ी। केंद्र ने मुझे बहुत प्रोत्साहित किया। उन्होंने मुझे सीखने की शक्ति प्रदान की, जिससे मेरी एकाग्रता और आत्मविश्वास बढ़ा। मैं एक और विश्व रिकॉर्ड स्थापित करने के लिए तैयार हूं। भगवद गीता संस्कृत में है, और इसका अंग्रेजी में अनुवाद किया गया है। हमारी स्वरूप शैली, प्रत्येक अंग्रेजी अक्षर का एक अद्वितीय प्रतीक है, मैंने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में प्रवेश करने के लिए अपनी उपलब्धि का दस्तावेजीकरण किया है।"