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    'कांग्रेस ने ही सब कुछ दिया', बहन शर्मिष्ठा के दावे से अलग प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजित मुखर्जी का जवाब

    Updated: Mon, 30 Dec 2024 07:22 PM (IST)

    प्रणब मुखर्जी की बेटी के बयान के बाद उनके बेटे का बयान सामने आया है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजित मुखर्जी ने अपनी बहन से अलग राय रखी है। अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि पिता की सफलता का श्रेय तो कांग्रेस को ही जाता है। आगे उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि इस पर कोई विवाद होना चाहिए।

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    बहन शर्मिष्ठा के दावे से अलग अभिजित मुखर्जी का जवाब (फाइल फोटो, पीटीआई)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और स्मारक को लेकर देश में चर्चा हो रही है। इस विवाद में पिछले दिनों पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी भी कूदीं और कई दावे किए, साथ ही कांग्रेस पर तमाम सवाल खड़े किए। अब प्रणब मुखर्जी के बेटे ने इस मामले में अपनी बहन से अलग राय रखी है।

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    प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजित मुखर्जी का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस पर कोई आरोप नहीं लगाया। बल्कि उन्होंने कहा कि पिता की सफलता का श्रेय तो कांग्रेस को ही जाता है। समाचार एजेंसी से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनके पिता को सार्वजनिक जीवन में जो कुछ भी मिला वह केवल कांग्रेस की वजह से ही मिला। आगे उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि इस पर कोई विवाद होना चाहिए।

    प्रणब मुखर्जी के बेटे की राय बहन से अलग

    पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि मैं उनके (मनमोहन सिंह) अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सका, लेकिन अगर वे हमें अनुमति देंगे तो कल या परसों मैं जाऊंगा और श्रद्धांजलि अर्पित करूंगा। यह देश और कांग्रेस के लिए बहुत बड़ी क्षति है। अंतिम संस्कार परिवारों का अधिकार है, इसलिए सिख रीति-रिवाज के अनुसार यह किया गया है। मुझे नहीं लगता कि इस पर कोई विवाद होना चाहिए। हम उनके लिए एक स्मारक चाहते हैं। मैं सरकार से अपील करता हूं। मैं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन की सरकार से की गई अपील का पूरी तरह समर्थन करता हूं, उन्हें इस बारे में सोचना चाहिए।"

    रैली निकालना चाहती थी कांग्रेस

    अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि उनके पिता का निधन कोविड काल में हुआ था, इस वजह से तमाम प्रोटोकॉल थे और कई प्रकार की पाबंदियां थीं। उस दौरान लगी पाबंदियों के कारण कांग्रेस कार्य समिति की बैठक बुलाकर श्रद्धांजलि नहीं दी जा सकी थी। हालांकि, बाद में समिति ने कार्यक्रम आयोजित कर श्रद्धांजलि दी।

    उन्होंने कहा कि प्रशासन ने उस दौरान कई पाबंदियां लगा रखी थीं। परिवार और दोस्तों में केवल 20 लोगों को ही मौजूद रहने की अनुमति मिली थी। उन्होंने बताया कि कांग्रेस एक रैली भी निकालना चाहती थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका था। हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी और राहुल गांधी आए थे।

    मेरे पिता को कांग्रेस ने ही बनाया: अभिजीत

    पूर्व राष्ट्रपति के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि कांग्रेस ने ही मेरे पिता जी को बनाया। बाद में राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह के समय में उनको जिम्मेदारी मिली। उन्होंने कहा कि पिता जी जो भी बने कांग्रेस की वजह से ही बने। कांग्रेस ने ही राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार नामित किया था।

    मनमोहन सिंह को लेकर कही ये बात

    वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लेकर उन्होंने कहा कि वह एक ऐसे अर्थशास्त्री और व्यक्ति थे, जिनके बारे में जितना कहा जाए वह कम है। इसी के साथ अभिजीत मुखर्जी ने मनमोहन सिंह को परफेक्ट जेंटलमैन बताया। उन्होंने कहा कि मैंने डॉ. मनमोहन सिंह को कभी भी गुस्सा करते नहीं देखा था। जब भी उनसे मिलता था, वह मुस्कुराते ही मिलते थे। अपने दौर में उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को खड़ा किया। जिस बड़ी अर्थव्यवस्था की बात आज की जा रही है, उसकी नींव मनमोहन सिंह ने ही रखी थी।

    शर्मिष्ठा मुखर्जी ने क्या किया था दावा?

    गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के उस प्रस्ताव की आलोचना की थी, जिसमें पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के लिए देश की राजधानी दिल्ली में एक स्मारक बनाने की मांग की गई थी।

    उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था कि जब अगस्त 2020 में उनके पिता और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मृत्यु हुई थी, तो कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस कार्य समिति (CWC) द्वारा शोक सभा बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व पर इस मुद्दे पर उनको गुमराह करने का भी आरोप लगाया।

    उन्होंने दावा किया कि एक वरिष्ठ नेता ने उनसे कहा था कि राष्ट्रपतियों के लिए ऐसा नहीं किया जाता है। शर्मिष्ठा ने कहा कि ये पूरी तरीके से बकवास है, क्यों कि बाद में पिताजी की डायरी से पाया कि के. आर नारायणन के निधन के बाद कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई थी और शोक संदेश पिताजी ने ही तैयार किया था।