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    44 प्रतिशत ग्रामीण आदिवासी परिवारों को अभी तक नहीं मिल सका नल का पानी : प्रह्लाद पटेल

    By AgencyEdited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Mon, 31 Jul 2023 11:03 PM (IST)

    आंकड़ों के मुताबिक झारखंड मध्य प्रदेश राजस्थान और बंगाल में आधे से अधिक ग्रामीण आदिवासी परिवारों को अभी तक नल का पानी कनेक्शन नहीं मिला है। 2024 तक दे ...और पढ़ें

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    बाढ़ और बारिश से फसलों, घरों सहित कुल नुकसान 2,76,004.05 करोड़ रुपये रहा

    नई दिल्ली, पीटीआई। देश में अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों के लगभग 44 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को अभी भी नल के पानी का कनेक्शन नहीं मिला है। राज्यसभा में प्रश्न का उत्तर देते हुए जल शक्ति राज्य मंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा कि 2.17 करोड़ ग्रामीण आदिवासी परिवारों में से 1.2 करोड़ (55.3 प्रतिशत) के पास नल के पानी का कनेक्शन है।

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    क्या कहते हैं आंकड़े ?

    आंकड़ों के मुताबिक झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बंगाल में आधे से अधिक ग्रामीण आदिवासी परिवारों को अभी तक नल का पानी कनेक्शन नहीं मिला है। 2024 तक देश में प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल से पेयजल की आपूर्ति करने के लिए केंद्र सरकार राज्यों के साथ साझेदारी में जल जीवन मिशन (जेजेएम) - हर घर जल लागू कर रही है।

    2012 से 2021 के बीच बाढ़ और बारिश से 17,000 से अधिक लोगों की मौत

    सरकार ने कहा कि देश में 2012 से 2021 के बीच बाढ़ और भारी बारिश से 17,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई। राज्यसभा में प्रश्न का उत्तर देते हुए जल शक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडु ने कहा कि अनियोजित विकास, प्राकृतिक जल निकायों के अतिक्रमण के कारण शहरों में बाढ़ की घटनाएं बढ़ रही हैं।

    बाढ़ और बारिश से फसलों और घरों का भी नुकसान

    टुडु द्वारा राज्यसभा में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार 2012 से 2021 तक बाढ़ और भारी बारिश के कारण भारत में 17,422 मौतें हुईं। बारिश और बाढ़ के कारण हुए नुकसान का राज्य-वार डेटा केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) द्वारा संकलित किया गया है। इसके अनुसार बाढ़ और बारिश से फसलों, घरों सहित कुल नुकसान 2,76,004.05 करोड़ रुपये रहा।

    86 जलाशय में क्षमता से 40 प्रतिशत या कम जल

    टुडु ने कहा कि बाढ़ संभावित क्षेत्रों में शहरी बाढ़ से निपटने के लिए भूजल पुनर्भरण और अन्य समाधानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा कई पहल की गई हैं। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में टुडु ने कहा कि सीडब्ल्यूसी साप्ताहिक आधार पर देश के 146 महत्वपूर्ण जलाशयों की भंडारण स्थिति की निगरानी करता है और हर गुरुवार को साप्ताहिक बुलेटिन प्रकाशित करता है। नवीनतम जलाशय भंडारण बुलेटिन के अनुसार 86 जलाशय में क्षमता से 40 प्रतिशत या कम जल है।