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आपूर्ति बाधाओं से बचने को रणनीतिक तेल भंडार जरूरी : बिजली सचिव

केंद्रीय बिजली सचिव आलोक कुमार ने कहा कि कोयले गैस और तेल की बहुत अधिक कीमत और आपूर्ति में व्यवधान के बारे में बात कर रहा था जो कि चीन सिंगापुर यूके यूरोप हर जगह हो सकता है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 09:09 AM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 09:09 AM (IST)
आपूर्ति बाधाओं से बचने को रणनीतिक तेल भंडार जरूरी : बिजली सचिव
आपूर्ति बाधाओं से बचने को रणनीतिक तेल भंडार जरूरी : बिजली सचिव

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय बिजली सचिव आलोक कुमार ने ऐसे रणनीतिक तेल भंडारों की जरूरत पर जोर दिया है, जो कम से कम एक महीने के लिए देश को आपूर्ति संकट से बचाने में सक्षम हो। उद्योग संगठन सीआइआइ द्वारा आयोजित दक्षिण एशिया बिजली सम्मेलन मूविंग टुव‌र्ड्स सस्टेनेबल एनर्जी सिक्योरिटी में कुमार ने कहा कि देश में कोयले के इस संकट का मुख्य कारण आयातित कोयले की ऊंची कीमत है।

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कुमार ने कहा कि कोयले, गैस और तेल की बहुत अधिक कीमत और आपूर्ति में व्यवधान के बारे में बात कर रहा था जो कि चीन, सिंगापुर, यूके, यूरोप हर जगह हो सकता है। उन्होंने कहा कि कम से कम 10 वर्षो या उससे अधिक समय तक सभी देश, विशेष रूप से प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं, बेस लोड और ग्रिड संतुलन के लिए जीवाश्म ईधन की आपूर्ति पर निर्भर होंगी। कुमार के अनुसार देश में आयातित कोयले पर आधारित 17,000 मेगावाट क्षमता है और इस पर निर्भरता तुरंत खत्म करना संभव नहीं है। भारत में 24,000 मेगावाट क्षमता के गैस संचालित बिजली संयंत्र हैं। वे भी व्यावहारिक रूप से बाहर हैं।

बता दें कि देश में इस समय पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू चुके हैं और रेट कब गिरेंगे या गिरेंगे भी या नहीं, इसके बारे में स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है। इस बीच देश में कोयले की कमी को लेकर घमासान शुरू हो गया है। चीन में आया बिजली संकट कुछ ही दिनों में भारत में आ पहुंचा, हालांकि, यहां किसी प्रकार की कोई कटौती नहीं हुई। बताया गया कि कोयला खदानों ने बिजली संकट न हो, इसके लिए 24 घंटे काम किया। देखा जाए तो अब कोयले संबंधित चर्चाएं धम गई हैं। देश में महंगाई बढ़ती जा रही है। ऐसे में किसी चीज की कमी होना या आयातित खर्चा बढ़ जाना, लोगों को और अधिक मुसीबत में डाल सकता है। 


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