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Power Crisis: बिजली वितरण कंपनियों को बकाया चार वर्षों के मासिक किस्त में लौटाने की मिली छूट, मंत्रालय ने शुरू की नई स्कीम

बिजली मंत्रालय एक नई योजना पर काम कर रहा है। इससे बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) को बकाया भुगतान में करीब 19 हजार करोड़ की बचत होगी। मंत्रालय ने कहा कि डिस्काम पर बिजली उत्पादन कंपनियों (जेनको) के बकाया का भुगतान नहीं होने से पूरी वैल्यू चेन प्रभावित होती है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Updated: Wed, 25 May 2022 09:43 PM (IST)
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बिजली मंत्रालय एक नई योजना पर काम कर रहा है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बिजली संयंत्रों के एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा राशि के बकाये के बोझ में दबी देश की बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) को बचाने के लिए केंद्र सरकार एक बार फिर नई स्कीम के साथ आगे आई है। इस बार डिस्काम को बकाया राशि का भुगतान 48 महीनों की मासिक किस्त में अदा करने की छूट देने की योजना है। इस बारे में एक स्कीम पर बिजली मंत्रालय काम कर रहा है जिसकी घोषणा जल्द की जाएगी। डिस्काम को यह आश्वासन दिया गया है कि उन्हें देर से भुगतान करने पर कोई अतिरिक्त अर्थदंड नहीं देना होगा जैसा मौजूदा प्रविधान है। इससे डिस्काम को 19,833 करोड़ रुपये की बचत होगी।

मंत्रालय के आंकड़े के मुताबिक 18 मई, 2022 को देश के सारे डिस्काम पर संयुक्त तौर पर 1,00,018 करोड़ रुपये की राशि बकाया है।बिजली मंत्रालय ने आम उपभोक्ताओं को आश्वस्त किया है कि इस स्कीम के तहत डिस्काम पर जो अतिरिक्त बोझ पड़ेगा उसे वे बिजली बिल से नहीं वसूल करेंगे। महाराष्ट्र और तमिनलाडु जैसे राज्यों को 4500-4500 करोड़ रुपये का फायदा होगा क्योंकि उन्हें अतिरिक्त दंड नहीं देना होगा। केंद्र सरकार ने डिस्काम को यह भी कहा है कि अगर वे इस स्कीम का फायदा नहीं उठाते हैं और निर्धारित राशि का भुगतान मासिक स्तर पर नहीं करते हैं तो उन्हें बकाया पर पूरी राशि पर देरी से भुगतान की फीस देनी होगी।

केंद्र सरकार के मुताबिक सबसे ज्यादा तमिलनाडु सरकार के डिस्काम पर 20 हजार करोड़ रुपये, महाराष्ट्र सरकार के डिस्काम पर 18 हजार करोड़ रुपये और उत्तर प्रदेश सरकार पर 9,000 करोड़ रुपये का बकाया हैं। वर्ष 2020 में भी केंद्र सरकार ने डिस्काम की स्थिति को सुधारने के लिए एक स्कीम की घोषणा की थी। तब डिस्काम पर 1.3 लाख करोड़ रुपये का बकाया था। अधिकांश राज्यों ने इसका फायदा भी नहीं उठाया। अप्रैल, 2021 में डिस्काम पर बकाये राशि में कुछ कमी हुई थी लेकिन उसके बाद इसमें लगातार इजाफा ही हो रहा है।

राज्य बिजली कंपनियों का बकाया सीआइएल बकाया

उत्तर प्रदेश- 9,372.49 करोड़ 319.82 करोड़

तमिलनाडु- 20,842.53 करोड़ 729.60 करोड़

महाराष्ट्र- 18,014 करोड़ 2,573.19 करोड़

राजस्थान- 11,176.38 करोड़ 307.86 करोड़

मध्य प्रदेश- 5030.19 करोड़ 256.04 करोड़

जम्मू-कश्मीर- 7275.12 करोड़ (स्रोत : बिजली मंत्रालय)