बिचौलियों से बचने के लिए किसानों ने खोजी नई तरकीब
फतेहपुर सीकरी के दो गांवों के 148 किसान खुद बेचेंगे अपने उत्पाद, हैंडीक्राफ्ट से जुड़े लोगों का माल भी सीधे बाजार में बेचने की तैयारी, नई किरन एग्रोटेक प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड का गठन किया।
आगरा (अली अब्बास)।‘तू इंकलाब की आमद का इंतजार न कर, जो हो सके तो अभी इंकलाब पैदा कर’। फतेहपुर सीकरी के गांव मंडी मिर्जा खां के किसानों पर ये पंक्तियां सटीक बैठती हैं। उन्होंने अपनी और दूसरे किसानों की जिंदगी बदलने के लिए इंकलाब की आमद का इंतजार नहीं किया। सभी किसानों ने मिलकर अपनी कंपनी बना डाली। ताकि अपने उत्पादों को बिना किसी बिचौलिये के बाजार में बेच सकें। इनके इस प्रयास से जहां इनकी आमद बढ़ गई है, वहीं कृषि के अलावा अन्य उत्पादों का सृजन कर सीधे बाजार में पहुंचाने की राह खुल गई है।
ऐसे हुई शुरुआत
मंडी मिर्जा खां निवासी किसान हुकुम सिंह के पास लगभग 16 बीघा खेत हैं। इस पर वह सरसों और बाजरे की खेती करते हैं। फसल में नुकसान के अलावा बाजार में उसे बेचने के लिए बिचौलियों की मदद लेते थे। इससे मुनाफा काफी घट जाता। अपनी फसल को बिना बिचौलियों के बेचने का विचार उनके मन में आया। उनके लिए अकेले यह करना संभव नहीं था। इसके लिए गांव के अन्य किसानों को भी तैयार करना जरूरी था।
योजना के बारे में किसानों को बताया, लेकिन किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। साथी किसान यह बात मानने को तैयार नहीं थे कि वह इस तरह की कोई कंपनी भी खोल सकते हैं। हुकुम सिंह ने हिम्मत नहीं हारी, वह तीन महीने तक किसानों को खुद की कंपनी बनाने के लिए मनाते रहे।
इसी बीच एक एनजीओ की मदद से हुकुम सिंह ने राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के अधिकारियों से बात की। आधिकारियों ने उन्हें इस बारे में पूरी जानकारी मुहैया करा दी। हुकुम सिंह और संस्था के प्रयासों से मंडी मिर्जा खां और नगला देविया के 148 किसान एकजुट हुए। पिछले साल उन्होंने नई किरन एग्रोटेक प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड बना ली।
बेचेंगे गेहूं, धान, सरसों, आटा, तेल...:
हुकुम सिंह बताते हैं कि इलाके में सरसों, गेंहू और धान की फसल होती है। किसान इन फसलों के साथ ही आटा और सरसों का तेल सीधे बाजार में बेचेंगे। कंपनी ने अपने उत्पाद इस वर्ष फरवरी तक बाजार में उतारने की तैयारी कर ली है।
दरी, बांस का फर्नीचर भी
फतेहपुर सीकरी में दरी बुनकर एवं सरकंडे व बांस का फर्नीचर का काम भी बड़े पैमाने पर होता है। उसे भी कंपनी के माध्यम से सीधे बाजार में बेचने की योजना है, जिससे ग्रामीण ज्यादा लाभ कमा सकें। अभी तक उनके उत्पाद बिचौलिये कम दाम पर खरीदकर ले जाते थे और बाजार में ज्यादा कीमत पर बेचकर सारा मुनाफा खुद हजम कर जाते थे।
किसान क्लब को जोड़ा जाएगा
फतेहपुर सीकरी और बिचपुरी के दस गांवों में बने किसान क्लब को भी इस कंपनी से जोड़ने की तैयारी है। जिससे वे भी अपनी फसल से तैयार उत्पाद को बाजार में सीधे बेचकर मुनाफा कमा सकें। वर्तमान में किसान क्लब में लगभग 150 सदस्य हैं। क्लब की प्रेरक बनी संस्था के सदस्य अमित सिंह बताते हैं कि इससे गांव के गरीब
किसानों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
जैविक खेती पर जोर
अपने उत्पादों की मांग बनाए रखने के लिए किसानों की यह कंपनी जैविक खेती की ओर रुख कर रही है। साथ जुड़े किसानों को जैविक खेती, उन्नत बीज और वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।
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