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    गरीब देशों ने कोरोना वैक्सीन की 10 करोड़ डोज ठुकराई, जानें कारण

    By Monika MinalEdited By:
    Updated: Fri, 14 Jan 2022 06:16 AM (IST)

    विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से कोवैक्स कार्यक्रम के तहत गरीब देशों को कोरोना वैक्सीन की दस करोड़ डोज दी जा रही थीं लेकिन इनकी एक्सपायरी डेट करीब होने व कोल्ड चेन की व्यवस्था के अभाव में इसे ठुकरा दिया।

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    गरीब देशों ने कोरोना वैक्सीन की 10 करोड़ डोज ठुकराई

    ब्रसेल्स, रायटर।  पिछले महीने गरीब देशों ने कोरोना वैक्सीन की दस करोड़ से अधिक डोज लेने से इन्कार कर दिया। इन देशों को यह वैक्सीन कोवैक्स कार्यक्रम के तहत दी जा रही थीं। यह जानकारी गुरुवार को यूनिसेफ के एक अधिकारी ने दी। अधिकारी ने बताया कि गरीब देशों द्वारा इन डोज को ठुकराने के पीछे बड़ा कारण इन वैक्सीन की एक्सपायरी डेट जल्द खत्म होना था। इसके अलावा कई देशों में इन वैक्सीन के भंडारण के लिए कोल्ड चेन सुविधाओं का अभाव भी था।

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    कोवैक्स अभियान के तहत दुनिया के लगभग 150 निर्धन देशों को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराई जा चुकी हैं। उपलब्ध डोज की संख्या करीब एक अरब होने वाली है। यूनिसेफ की सप्लाई डिवीजन के निदेशक एटलेवा कडिल्ली ने यूरोपीय संसद के सांसदों को गुरुवार को बताया कि अकेले दिसंबर माह में गरीब देशों ने 10 करोड़ से अधिक वैक्सीन की डोज शेल्फ लाइफ कम होने के कारण ठुकरा दीं। इन देशों को आपूर्ति में देरी के लिए मजबूर किया गया क्योंकि उनके पास भंडारण की पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं।

    कई देशों के पास पर्याप्त संख्या में फ्रिज तक नहीं हैं। वहीं कई देशों में वैक्सीन को लेकर वहां की जनता में बहुत हिचकिचाहट भी है। इसके कारण टीकाकरण अभियान सुचारु रूप से चलाना संभव नहीं है। आपूर्ति और वितरित टीकों के उपयोग पर यूनिसेफ के आंकड़े दिखाते हैं कि 90 देशों में 68.1 करोड़ डोज अभी भी स्टोर में हैं। चैरिटी संस्था केयर के अनुसार, कांगो (डीआरसी) और नाइजीरिया जैसे 30 से अधिक गरीब देश उपलब्ध कराई गई डोज में से अू तक पचास प्रतिशत का प्रयोग भी नहीं कर पाए हैं।

    कोवैक्स कार्यक्रम का सह प्रबंधन करने वाली संस्था गावी के प्रवक्ता ने बताया कि बीते साल की अंतिम तिमाही में खासकर दिसंबर महीने में वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ने से गरीब देशों में भंडारण की समस्या पैदा हुई है। गावी के अनुसार दिसंबर में जिस डोज की आपूर्ति हुई है उसकी शेल्फ लाइफ अधिक है जिससे उसके बर्बाद होने का ज्यादा खतरा नहीं है। गावी के डाटा के अनुसार डब्ल्यूएचओ के नेतृत्व में चलने वाले कोवैक्स कार्यक्रम के तहत दुनिया के 144 गरीब देशों में वैक्सीन की 98.7 करोड़ डोज की आपूर्ति की गई है।