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    'यह शिक्षा नहीं... भगवा नीति है', नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मामले पर केंद्र पर बरसे एमके स्टालिन

    त्रिभाषा फॉर्मूले पर केंद्र सरकार और तमिलनाडु की डीएमके सरकार आमने-सामने है। तमिलनाडु सरकार ने केंद्र पर हिंदी को थोपने का आरोप लगाया है। तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने स्पष्ट कर दिया है कि वे नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का विरोध करते रहेंगे। स्टालिन ने कहा कि यह शिक्षा नहीं बल्कि भगवा नीति है। इससे तमिलनाडु की शिक्षा व्यवस्था नष्ट हो जाएगी।

    By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Wed, 12 Mar 2025 10:33 PM (IST)
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    तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन। ( फाइल फोटो )

    एएनआई, नई दिल्ली। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बुधवार को केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को भगवाकरण नीति कहा। स्टालिन ने कहा कि इस नीति का उद्देश्य भारत के विकास के बजाय हिंदी को बढ़ावा देना है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह नीति तमिलनाडु की शिक्षा प्रणाली को नष्ट करने की धमकी देती है।

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    तिरुवल्लूर में स्टालिन ने कहा, "राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा नीति नहीं है। यह भगवाकरण की नीति है। इस नीति को भारत के विकास के लिए नहीं बल्कि हिंदी के विकास की खातिर बनाया गया है। यह नीति तमिलनाडु की शिक्षा प्रणाली को पूरी तरह से तबाह कर देगी। इस वजह से नीति का विरोध कर रहे हैं।"

    अगर सभी को शिक्षा के दायरे में लाती है तो नीति का स्वागत

    सीएम स्टालिन ने कहा, "हम आपसे टैक्स में हिस्सा मांग रहे हैं। इसे हमने चुकाया है। इसमें क्या समस्या है? क्या 43 लाख स्कूलों के कल्याण के लिए धन जारी किए बिना धमकी देना उचित है? चूंकि हमने एनईपी को स्वीकार नहीं किया, इसलिए वे तमिलनाडु के लिए धन जारी करने से इनकार कर रहे हैं।

    अगर यह सभी को शिक्षा के दायरे में लाता तो हम इस योजना का स्वागत करते। मगर क्या एनईपी ऐसी ही है? एनईपी में वे सभी कारक हैं... जो लोगों को शिक्षा से दूर रखते हैं। इस वजह से नीति का विरोध कर रहा हूं।

    हिंदी थोपने का लगाया आरोप

    तमिलनाडु राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के त्रिभाषा फॉर्मूले का विरोध कर रहा है। प्रदेश सरकार ने इसके बहाने हिंदी थोपने का आरोप लगाया है। सीएम स्टालिन का तर्क है कि नीति क्षेत्रीय भाषाओं पर हिंदी को प्राथमिकता देती है। इससे राज्य की स्वायत्तता और भाषाई विविधता कम होगी। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु ने दो-भाषा नीति अपनाई है। इसमें तमिल और अंग्रेजी प्राथमिक भाषाएं हैं।

    केंद्र को चिढ़ होती है

    स्टालिन ने आगे कहा कि अगर कोई राज्य सरकार अच्छा काम कर रही है तो केंद्र सरकार को उसका समर्थन करना चाहिए। मगर क्या यह केंद्र सरकार ऐसा कर रही है? उन्हें जलन हो रही है कि तमिलनाडु अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। उन्हें चिढ़ है कि डीएमके तमिलनाडु की रक्षा कर रही है। यही वजह है कि वे बाधाएं पैदा करने और हमें हर तरह से नीचा दिखाने में लगे हैं। क्या हम यह देखकर चुप रह सकते हैं?...

    स्टालिन ने केंद्र सरकार पर राजनीतिक बदला लेने और तमिलनाडु के विकास को कमजोर करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि राज्य विभिन्न योजनाओं को लागू करने में अग्रणी रहा है और पिछले तीन वर्षों में इसने महत्वपूर्ण प्रगति की है।

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